tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post7718354509467954368..comments2023-10-19T22:27:05.076+05:30Comments on तूती की आवाज: दो बुजदिल कायर के चक्कर में निरुपमा की हुई मौंतसंतोष कुमार सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08520071837262802048noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-43657619977821674472010-06-18T19:07:43.086+05:302010-06-18T19:07:43.086+05:30priyabhanshu ki galti hai.. shadi se pahle sex kar...priyabhanshu ki galti hai.. shadi se pahle sex karte hue sharm nahi ayi.. kya wo apni badi kunwari bahan ko aise kam ki ijaazat dega..? shayad kabhi nahi.. shadi ka jhansa dekar apni bhookh mitata raha.. ab apne nasamajh doston ki aad mein media manage kar raha hai.. yakinan use kadi saja milni chahiye.. bahut kadi..Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-85957113230418508862010-05-15T20:09:57.851+05:302010-05-15T20:09:57.851+05:30sambhav ho to mujhe call karen-09532485770 ,mai pr...sambhav ho to mujhe call karen-09532485770 ,mai priyabhanshu ka batchmate tha.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-55610497509035786692010-05-15T18:02:35.730+05:302010-05-15T18:02:35.730+05:30आपके तथ्यात्मक आवाज को अनकही ने फिर से चुराया,
सटी...आपके तथ्यात्मक आवाज को अनकही ने फिर से चुराया,<br />सटीक विवेचना को अपने ब्लॉग पर चस्पा लिया है मैंने.<br />बेहतरीन संवाद के लिए आप बधाई लीजिये. <br />http://rajneeshkjha.blogspot.com/2010/05/blog-post_15.htmlAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-89268029987547439172010-05-15T13:41:37.943+05:302010-05-15T13:41:37.943+05:30पुखराज जी, जी हाँ मैं जेएनयू का छात्र हूँ और मैं ए...पुखराज जी, जी हाँ मैं जेएनयू का छात्र हूँ और मैं एक कम्यूनिस्ट नहीं हूँ. और आपको बता दूं कि जेएनयू के अधिकांश छात्र कम्यूनिस्ट नहीं हैं. फर्स्ट इयर के स्टुडेंट्स का ब्रेन वाश करके जुलूस में साथ कर लेना और माओ जिंदाबाद (जबकि गाँव से आये छात्र माओ के बारे में ठीक से जान भी नहीं रहे होते हैं.) के नारे लगवा लेना अलग बात है. <br /><br />अभी दांतेवाडा की घटना के बाद आम छात्रों द्वारा कम्यूनिस्टों को खदेड़ खदेड़ कर भगाए जाने की घटना तो आप तक पहुची नहीं होगी!! <br />और कश्मीर को अलग करने का समर्थन करने वालों को और भारत विरोधी हर विदेशी शक्ति का समर्थन करने वालों को 'देशद्रोही' कहना मेरे हिसाब से गलत नहीं है.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-66785918030456025452010-05-15T13:40:27.363+05:302010-05-15T13:40:27.363+05:30काश आपके पत्रकार बनने के सपने कभी न सच हों. आप जैस...काश आपके पत्रकार बनने के सपने कभी न सच हों. आप जैसे लोगों ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अर्थ बर्बाद करके रख दिया है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-67383852923264410572010-05-15T13:28:53.314+05:302010-05-15T13:28:53.314+05:30Beta chirkut tum cirkut nahi .tum bhi koi priyansh...Beta chirkut tum cirkut nahi .tum bhi koi priyanshu ki tarh kitni nirupmaon ko apne jal me fasaye hoge . unka shoshan kiya hoga aur aur unko chor diya hoga .tum reporter ya journalism ko sayad nahi jante ho beta padh lo pahle phir comment dena theek hai .tum jase logone he media ko randi khana bana rakha hai.prabhakarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-583315514359034832010-05-14T23:08:00.514+05:302010-05-14T23:08:00.514+05:30संतोष जी, किस चिरकुट अखबार या टीवी के क्राइम रिपोर...संतोष जी, किस चिरकुट अखबार या टीवी के क्राइम रिपोर्टर हैं आप. अपने ब्लॉग पर आपने ब्राह्मण सभा की बढ़िया बैठकी लगा रखी है.<br /><br />आपके पोस्ट का बिन्दुवार जवाब दे रहा हूं. दम है तो कमेंट डिलीट मत कीजिएगा. आपके जैसे रिपोर्टर को मैं अपने दफ्तर में पांव न रखने दूं.<br /><br />“इसको लेकर जो साक्ष्य पुलिस के पास अभी तक मिला हैं वह सिर्फ पोस्टमार्टम रिपोर्ट।जिस पर कई तरह के सावल खड़े हो चुके हैं।“<br /><br />क्या आप एमबीबीएस हैं या एमडी. पुलिस वालों ने मेडिकल का कोर्स किया है क्या. पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों ने किया था. सबके पास डिग्री है, कई पोस्टमार्टम का अनुभव है. एक था जिसका पहला पोस्टमार्टम था लेकिन वो घर से सुबह उठकर पोस्टमार्टम के लिए नहीं पहुंच गया था, मेडिकल कॉलेज से डिग्री लेकर आया था. मेडिकल कॉलेज में ये सब पढ़ा दिया जाता है. इसलिए पोस्टमार्टम टीम की वेसरा और भ्रूण न रखने की गलती के बावजूद पोस्टमार्टम रिपोर्ट विधिवत वैध है और एम्स के एक्सपर्ट या आप जैसे चिरकुट क्राइम रिपोर्टर के विचार के बावजूद पीएम रिपोर्ट वही रहेगा.<br /><br />“वही दूसरी बात जिस भोले पन में कह रहे हैं कि मुझे पता ही नही था कि निरुपमा गर्भवती थी।क्या इससे बड़ा भी कोई झूठ हो सकता हैं।निरुपमा तीन माह की गर्भवती हैं और भोलू प्रियभाशु को पता नही हैं।“<br /><br />आप क्राइम रिपोर्टर हैं तो कल सुबह उठकर अस्पताल जाइए. चार महिला डॉक्टरों से मिलिए. पूछिए कि क्या ये संभव है कि किसी लड़की को 3 महीने के गर्भ का पता न चले. वो जवाब देंगी, ये संभव है. कई पेपर छप चुके हैं जर्नल्स में. पढ़ोगे-लिखोगे, तब तो जानोगे. ब्लॉग खोल लिए हो तो ऐसे बखान कर रहे हो जैसे तुमसे बड़ा क्राइम कोई समझता ही नहीं है.<br /><br />“एक सवाल बड़ी जोर से उठा की प्रिभायशु निची जाति के थे इसलिए निरुपमा के माता पिता शादी करने को राजी नही थे।आपकी जानकारी के लिए बिहार में कायस्थ या लाला जाति उच्ची जाति माने जाते हैं।“<br /><br />ये आपके चाचा धर्मेंद्र पाठक ने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि प्रियभांशु निचली जाति का है. वर्ना सब यही मानते थे कि कायस्थ उच्च जाति में ही हैं.<br /><br />“रही बात मोबाईल गायब करने की तो उससे फायदा क्या मिलने वाला हैं।सारा कुछ डिटेल्स में निकल सकता हैं।“<br /><br />आप कितने टुच्चे रिपोर्टर हैं, ये इसी से समझा जा सकता है कि कॉल डिटेल्स से एसएमएस की जानकारी हासिल करने की बात कर रहे हो. मोबाइल से ही पता चलेगा न बबुआ कि निरुपमा ने क्या लिखा था और क्या नहीं, डिटेल्स से तो यही पता चलेगा कि उसने किसे लिखा था या किससे बात की. पेंच तो यहीं फंसा है.<br /><br />“पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने वाले डांक्टर ही जब कह रहा कि मैने पहली बार पोस्टमार्टम किया हैं तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि उसने क्या किया होगा।“<br /><br />फिर चिरकुटई. ये मेडिकल बोर्ड का एक मेंबर है. तुम्हारी तरह घसकटुआ नहीं है. मेडिकल कॉलेज से पढ़कर आया है. बाकी दो डॉक्टर भी थे, वो अंधे थे क्या, उनकी राय का क्या करें. आप कहें तो अचार बना लें.<br /><br />“जिस चिन्ह की बात कर रहे हैं वह महज खरोच हैं कोई हार्टबलंट इनजूरी नही हैं।रही बात साक्ष्य को छुपाने की तो उसकी सजा उसकी माँ भूगत रही हैं।“<br /><br />क्या आप ये जख्म देखने के लिए कोडरमा अस्पताल में थे या आपको पता है कि ये चोट कैसे लगी. आप कैसे कह सकते हैं कि ये खरोंच है, पुलिस को आपसे पूछताछ करनी चाहिए. आपके पास कुछ जानकारी है कि चाचा के घर की नीरू को कैसे खरोंच आई थी और कैसे वो चोट नहीं थी.<br /><br />“जिस तरीके से आज पूरे मशीनरी को अपने पंक्ष में करने पर मजबूर कर रहे हैं उससे काफी कम मेहनत में निरुपमा को कोडरमा से दिल्ली माँ और बाप के चंगुल से छुड़ाकर लाया जा सकता था निरुपमा कोई बच्ची तो थी नही।“<br /><br />निरुपमा ने जो आखिरी एसएमएस किया था उसमें एक्सट्रीम स्टेप नहीं उठाने कहा गया था. ये एक्सट्रीम स्टेप पुलिस को बुलाना ही था. क्या आपको कभी अपने मां-बाप से हत्या का खतरा महसूस हो सकता है. प्रियभांशु ने 28 अप्रैल की बातचीत में ही कहा था कि पुलिस को बताऊं तो उसने कहा था कि जब कहूंगी, तब. वो मौका आपके चाचा-चाची ने उसे नहीं दिया.चिरकुट रिपोर्टरhttp://tutikiawaz.blogspot.com/2010/05/blog-post_13.htmlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-76724714506529659832010-05-14T18:36:58.480+05:302010-05-14T18:36:58.480+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16075892625926199006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-32333585719724610462010-05-14T18:02:01.971+05:302010-05-14T18:02:01.971+05:30क्या आप लोगों को नहीं लगता की स्वयम इस चर्चा तक मे...क्या आप लोगों को नहीं लगता की स्वयम इस चर्चा तक में सब एकतरफा बयानबाज़ी चल रही है. जिन्हें जे.एन.यू. और 'भारतीय जन संचार संस्थान' (IIMC) के बारे में कुछ पता तक नहीं है, जिसे वहां के तथ्यों की पूरी जानकारी तक नहीं है और वो घडियाली आंसुओं की बात कर रहे है. यह सोचने की बात है. खैर, यह गर्व की बात है कि 'भारतीय जन संचार संस्थान' (IIMC) जे.एन.यू. परिसर का एक अत्यंत ही महत्त्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिनहमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि वह पत्रकारिता का एक स्वायत्त संस्थान भी है. बहरहाल, सुनील दत्त जी आप किन तथ्यों के आधार पर यह निष्कर्ष निकल रहे है रहे है कि- "JNU असामाजिक तत्वों की पनाहगाह बनी हुई है इसके और भी की प्रमाण हैं." स्पष्ट है कि यहाँ 'भारतीय जन संचार संस्थान' (IIMC) की बात की जा रही है. पर एक पुख्ता प्रमाण तो आपके पास स्पष्ट है नहीं और औरों की बात कर रहे है. क्या किसी जरुरी बहस को मुद्दा बनाना और उसे चर्चा में लाना ''असामाजिक तत्वों की पनाहगाह'' बनाना है? अगर ऐसा है तो जे.एन.यू. और भारतीय जन संचार संस्थान' (IIMC) असामाजिक तत्वों की पनाहगाह ही सही. आपको जो तथ्य सही लगते है आप उन्हें सबके सामने रखें. हम सभी आपके शुक्रगुजार रहेंगे. इसमें किसी तरह की जल्दबाजी सही नहीं है. रत्नसिंह शेखावत जी की बात में दम है कि- "मोहल्ला लाइव पर एक जनमत पोल भी लगा रखी है जहाँ साफ तौर पर इन्होने निरुपमा के पिता को हत्यारा ठहरा रखा है जबकि अभी तक इस पर जांच चल रही है |'' सतीशचंद्र सत्यार्थीजी आप आखिर दिखाना या कहना क्या चाहते है कृपया स्पष्ट करें. कहीं यह गाली आप अपने आप को तो नहीं दे रहे है. लगता तो यही है कि आप वहीं के विद्यार्थी है. स्मार्ट इंडियंस जी की बात से पुर्णतः सहमत हूँ कि ''इस खोजपूर्ण, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद! एक होनहार व्यक्ति की जान तो वापस आने से रही, मगर इसकी पुनरावृत्ति न हो, यह प्रयास तो होना ही चाहिए!'' निरुपमा मामले को लेकर मिडिया ने मुद्दा जातिवादी, सामंतवादी और प्रतिक्रियावादी ताकतों को बनाया था, इसमें भटकाव आ सकता है, लेकिन बात निकली है यह बड़ी बात है और इसे दूर तलक तक जाना ही चाहिए. कार्यवाही निरंतर जारी है. अतः किसी भी तरह की भी जल्दबाजी सही नहीं है. सहमत होना गलत नहीं है, लेकिन यह देखना जरुरी है की हमारा स्टेंड क्या है? आखिर हम खड़े कहाँ और किसके साथ है? ''दो बुजदिल कायर के चक्कर में निरुपमा की हुई मौत'' के लिए आपका आभार संतोषकुमार सिंह जी.. लेकिन यहाँ "दो बुल्दिल कायर" से आप क्या कहना चाहते है स्पष्ट नहीं है? बहुत संभव है की आप इसे मोडरेट कर बहस का मुद्दा ही न बनने दें. खैर! इसके लिए भी आपका स्वागत है... आपका पुखराज.PUKHRAJ JANGID पुखराज जाँगिडhttps://www.blogger.com/profile/12780240720269882294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-45354653062203733882010-05-14T09:28:51.074+05:302010-05-14T09:28:51.074+05:30muzaffarnagar ki ghatna ke baad se dilli ki media ...muzaffarnagar ki ghatna ke baad se dilli ki media ko aukat me aa jani chahiye. abhee tak main ye nahee samajh paa rahaa ki priyabhansu ko hero kyon banaya gaya. ye kaisee patrakarita hai. thanx santosh for active blogging. <br />ayachee.blogspot.comsanjay mishrahttps://www.blogger.com/profile/05519303415967930259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-36860492961265755942010-05-14T04:44:20.782+05:302010-05-14T04:44:20.782+05:30इस खोजपूर्ण, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद! ...इस खोजपूर्ण, तथ्यात्मक रिपोर्टिंग के लिए धन्यवाद! एक होनहार व्यक्ति की जान तो वापस आने से रही, मगर इसकी पुनरावृत्ति न हो, यह प्रयास तो होना ही चाहिए!Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-3106837499947697882010-05-14T02:54:57.453+05:302010-05-14T02:54:57.453+05:30अफ़सोस ये है कि १०-२० वामपंथी देशद्रोहियों को ही जे...अफ़सोस ये है कि १०-२० वामपंथी देशद्रोहियों को ही जेएनयू का प्रतिनिधि समझ लिया जाता है. याहां आकार देखें तो पता चलेगा कि ६००० छात्रों में से कितने इनके ढकोसलों और पाखण्ड का समर्थन करते हैं और कितने विरोध. जेएनयू के बारे में इस भ्रान्ति को मिटाने की जरुरत है.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-29589571802552587442010-05-13T23:07:15.878+05:302010-05-13T23:07:15.878+05:30जानते हैं संतोष भाई इस बार पहली बार मुझे ब्लोग की ...जानते हैं संतोष भाई इस बार पहली बार मुझे ब्लोग की ताकत उसके महत्व और उसकी उपयोगिता का ठीक ठीक अंदाज़ा हुआ । इस प्रकरण पर ब्लोग्गर्स ने जितनी निष्पक्षता से , जितने तथ्यों को समेटा और पूरी बेबाकी से उसे सामने रखा उसने जरूर ही भारतीय पत्रकारिता की आत्मा को बेच खाए लोगों के मुंह पर एक शानदार तमाचा जडा है । आपकी सारी पोस्टें इस मुद्दे पर बहुत ही कारगर हैं । शुभकामनाएंअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-60827400689361227852010-05-13T22:36:41.334+05:302010-05-13T22:36:41.334+05:30आपसे पूर्ण सहमत |
इन लम्पटों ने तो मोहल्ला लाइव पर...आपसे पूर्ण सहमत |<br />इन लम्पटों ने तो मोहल्ला लाइव पर एक जनमत पोल भी लगा रखी है जहाँ साफ तौर पर इन्होने निरुपमा के पिता को हत्यारा ठहरा रखा है जबकि अभी तक इस पर जांच चल रही है |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-1681854495671819912010-05-13T21:25:00.051+05:302010-05-13T21:25:00.051+05:30पूर्णत: सहमतपूर्णत: सहमतAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13199219119636372821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-23683507333598910912010-05-13T21:23:51.928+05:302010-05-13T21:23:51.928+05:30सच्चाई का पक्ष रखने पर धन्यावाद
JNU असमाजिक तत्वों...सच्चाई का पक्ष रखने पर धन्यावाद<br />JNU असमाजिक तत्वों की पनाहगाह बनी हुई है इसके और भी की प्रमाण हैं<br />इस प्रक्रण ने सेकुलर गिरोह के अलोकतांतरिक व भेदभावपूर्म मानसिकता को सबके सामने उधेड़ कर रख दियाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-27190685087086749712010-05-13T19:20:02.369+05:302010-05-13T19:20:02.369+05:30सही व स-तर्क रहस्योद्घाटन। प्रियभांशु को बचाने की...सही व स-तर्क रहस्योद्घाटन। प्रियभांशु को बचाने की साजिश ( या कहें निरुपमा की मॄत्यु से लाभ उठाने की साजिश ) तो अब हर किसी को साफ़ साफ़ दिखाई दे ही रही है।Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-81295363987414925002010-05-13T13:00:46.823+05:302010-05-13T13:00:46.823+05:30सही कहा है
यहां का मीडिया एकपक्षीय रिपोर्ट दे रहा ...सही कहा है<br />यहां का मीडिया एकपक्षीय रिपोर्ट दे रहा हैसुधाकरnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-17843315641852015382010-05-13T12:56:06.471+05:302010-05-13T12:56:06.471+05:30आपसे पूर्ण सहमत , ये एकपक्षीय ढकोसलेबाजी मुझे भी ब...आपसे पूर्ण सहमत , ये एकपक्षीय ढकोसलेबाजी मुझे भी बिलकुल पसंद नहीं !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com