tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post8825248899488746548..comments2023-10-19T22:27:05.076+05:30Comments on तूती की आवाज: आँनर किलिंग को लेकर हदे पार कर रहे हैं,प्रियभांशु एंड कम्पनीसंतोष कुमार सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08520071837262802048noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-44280650388874712372010-06-03T20:41:33.731+05:302010-06-03T20:41:33.731+05:30न्याय हो, यही कामना है. आमजन उतना ही जान पाता है ...न्याय हो, यही कामना है. आमजन उतना ही जान पाता है जितना मीडिया बता दे.hem pandeyhttps://www.blogger.com/profile/08880733877178535586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-51706889394759412132010-05-29T00:46:02.295+05:302010-05-29T00:46:02.295+05:30२४)आपने लिखा है की पूरी रिपोर्ट आने में तीन से चार...२४)आपने लिखा है की पूरी रिपोर्ट आने में तीन से चार माह का समय लग सकता हैं।ऐसा हुआ तो कोडरमा पुलिस निर्धारित 90 दिनो के अंदर चारशीट दायर नही कर पायेगी,ऐसे हलात में निरुपमा की माँ को जमानत मिल जायेगी। यही तो प्री-प्लानिंग है कोडरमा पुलिस की तभी तो निरुपमा के कपडे और किताबें इतने समय बाद, १७ मई को भेजा गया फोरेंसिक जांच के लिए और अभी तो निरुपमा का लैपटॉप खोला भी नहीं गया है जांच के लिए, पुलिस केस की जांच कर रही है या केस को दबाने में लगी है, पुलिस का रवैया को देख कर तो यही लगता है की पुलिस केस को दबाने में लगी है | <br />२५)प्रियभांशु ने कोर्ट में सीबीआई जांच के लिए आवेदन दिया था,जबकि कोडरमा पुलिस नहीं चाहती की इस केस की जांच सीबीआई करे इसलिए कोडरमा पुलिस ने कोर्ट को बताया की जांच सही चल रही है और सीबीआई जांच की जरूरत नहीं, इस घटना के एक महीने बीत जाने पर भी कोडरमा पुलिस ने केस को सोल्व नहीं किया तो क्या कोडरमा पुलिस को अब यह कहने का हक़ है की जांच सही चल रही है ???<br />२६) सीआईडी ने निरुपमा की माँ को रिमांड पे लेने की कोशिश की थी पूछताछ के लिए जिसका कोडरमा पुलिस और निरुपमा की माँ के वकील ने विरोध किया क्यों ??? <br />२७)आपने अपने आर्टिकल में लिखा था की निरुपमा ने पलंग पे बैठ कर दुपते से फांसी लगाया था इसलिए निरुपमा के माँ ने अकेले ही निरुपमा का दुप्पटा खोल कर निरुपमा का डेड बॉडी नीचे उत्तार लिया, अगर एसा है तो फिर निरुपमा के गले पे जो निशान बना है वह निशान दुपट्टे से मैच क्यों नहीं कर रहा ?<br />२८) इंसान की मौत जिस कंडीशन में होती है उसकी डेड बॉडी भी उसी कंडीसन में रहती है निरुपमा का डेड बॉडी बिल्कुल सीधा था, एम्स के डॉक्टरों ने भी कहा था की निरुपमा की मौत जिस वक़्त हुई उस वक़्त निरुपमा की बॉडी बिल्कुल सीधा रहा होगा, एम्स के डॉक्टरों ने यह भी सवाल पूछा था की अगर निरुपमा ने आत्महत्या किया तो निरुपमा के गले की हड्डी क्यों नहीं टुटा, निरुपमा के गले पे जो निशान बना था वह निशान भी फांसी लगाने का नहीं था, जब कोई इंसान खुद फांसी लगता हैतो उसके गले पे निशान जरूर बनता है लेकिन इतना गहरा निशान नहीं बनता जितना की निरुपमा के गले पे था, इस तरह का निशान तभी बनता है जब इंसान के मत के बाद उसका गला घोटा जाए|<br />३०) इस केस के चार अहम् सुराग जिसकी न तो पुलिस तलाश कर रही है और नहीं पाठक परिवार इसके बारे में कुछ बताने को तैयार है | १) निरुपमा की दिल्ली वापसी का रिसेर्वेसन किसने कब और क्यों कैंसल करवाया ? २) निरुपमा का मोबाईल कहाँ है ? ३) निरुपमा के मोबाईल का सिम कहाँ गया ? ४) जैसा की निरुपमा ने प्रियभांशु को एसएम्एस भेजा था की उसक भाई पिताजी और माँ उस पर लगातार नज़र रखते हैं इसलिए उसे बाथरूम में जाकर एसएम्एस करना पड़ता है, पाठक परिवार का कहना है की वह घर पर नहीं था तो फिर वह कौन लोग थे जो निरुपमा पर लगातार नज़र रख रहे थे ???<br />क्या आपने प्रियभांशु को दोषी ठहराने से पहले इन बातों की जांच परताल किया ???? <br />३१) अगर निरुपमा ने आत्महत्या की तो पाठक परिवार इसके लिए दोषी को सजा दिलाने के वजाये केस को दबाने में क्यों लगा हुआ है ?? <br />३२) आपने अपने आर्टिकल में लिखा था की किसी ने निरुपमा को २९ अप्रैल को सुबह में देखा था , क्या पुलिस ने उन लोग को रिमांड पे लेकर पूछताछ किया जो निरुपमा को २९ अप्रैल की सुबह देखने का दावा करता है ?<br />३३)क्या पुलिस ने उन लोग को रिमांड पे लेकर पूछताछ किया जो निरुपमा की डेड बॉडी को लेकर हॉस्पिटल गए थे ??Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-87059346575543872642010-05-27T23:17:51.803+05:302010-05-27T23:17:51.803+05:30१२) पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बहुत कुछ छुट गया है ले...१२) पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बहुत कुछ छुट गया है लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत नहीं है जैसा की एम्स के डॉक्टर ने माना है| कुछ लोगों का कहना है की पोस्टमार्टम करने वाला पहली बार पोस्टमार्टम कर रहा था इसलिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट गलत है आपको पता होना चाहिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट तीन डॉक्टर ने मिलकर तैयार किया है जिनमें से सिर्फ एक डॉक्टर पहली बार पोस्टमार्टम कर रहा था बाकी दो डॉक्टर एक्सपेरिएंस होल्डर था |<br />१३) पोस्टमार्टम के बाद जब पता चला की बिसरा को सुरक्छित नहीं रखा गया है तो डॉक्टर ने तुरंत डेड बॉडी की खोज शुरू कर दी थी लेकिन तब तक डेड बॉडी को जला दिया गया, आखिर घर वालों को इतनी जल्दी क्यों की, इतनी जल्दी में डेड बॉडी तभी जलाया जा सकता है जब पहले से ही तैयारी की जा चुकी हो लेकिन निरुपमा के भाई और पिताजी तो घर पे थे ही नहीं तो फिर इतनी जल्दी तैयारी किसने और कैसे कर दी |<br />१४)निरुपमा को झूठ बोल कर धोखे से घर क्यों बुलाया गया ?<br />१५)अगर निरुपमा ने आत्महत्या की तो क्या दिल्ली में आत्महत्या करना मना है जो निरुपमा ने कोडरमा में घर जाकर आत्महत्या कर ली|<br />१६)प्रियभांशु के पिताजी ने कहा था की निरुपमा को २८ अप्रैल को बाथरूम में बंद कर दिया गया था, निरुपमा के पिताजी का कहना है की उसने खुद ही अपने आपको बाथरूम में बंद कर लिया था, निरुपमा के पिताजी को यह कैसे पता की निरुपमा ने खुद अपने आपको बाथरूम में बंद कर लिया है क्यों वह तो २८ अप्रैल को घर पर थे ही नही जैसा किसी उन्होंने कहा |<br />१७)उसी दिन निरुपमा ने प्रियभांशु को एसएम्एस भेजा था की उनके पिताजी, माँ और भाई ने उसे बाथरूम बंद कर रखा है, तो क्या निरुपमा झूठ बोल रहा थी ??<br />१८) निरुपमा के मौत के बाद निरुपमा की माँ ने झूठ कहा की निरुपमा की मौत करेंट लगने से हो गयी कहीं ऐसा तो नहीं की निरुपमा को बाथरूम में बंद करके उसे इलेक्ट्रिक का शौक दिया गया ताकि वह अपना सुसाइड नोट खुद अपने राइटिंग में लिखे |<br />१९)निरुपमा की मौत अप्रैल में हुई जबकि पुलिस ने उसके कपडे और किताब १२ मई को अपने कब्जे में लिया और १६ मई को फोरेंसिक को जांच करने के लिए भेजा आखिर पुलिस इतने दिन क्या सबूत मिटाने का इंतज़ार कर रही थी ?<br />२०) पुलिस ने निरुपमा का लैपटॉप भी कब्जे में ले रखा है लेकिन अभी तक उसकी जांच तक नहीं की गयी अभी तक निरुपमा के लैपटॉप को खोला तक नहीं गया क्यों ???<br />२१) कुछ लोगों का कहना है की प्रियभांशु ने सबूत मिटने के लिए लैपटॉप को फॉर्मेट कर दिया, आपको पता होना चाहिए सिस्टम को फॉर्मेट करने के बाद भी उसके सारे प्रिविअस डाटा को रिकवर किया जा सकता है |<br />२२) प्रियभांशु सिर्फ इतना चाहता है की इसकी जांच सीबीआई करे तो इस में गलत क्या है और अगर इसके लिए वह नेता लोगो से रेकुएस्ट कर रहा है तो इस में बुराई क्या है ?<br />२३) निरुपमा के पिताजी कोडरमा के विधायक को साथ में लेकर पुलिस थाना गए थे निरुपमा की माँ को जेल से छुड़ाने के लिए , आप यही कहना चाहते हैं न की निरुपमा के माँ भाई और पिताजी निर्दोष है तो फिर इनको विधायक की क्या जरूरत पर गयी, क्या इशे पुलिस पे दवाब डालना नहीं कहेंगे ?Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-87809261785878803722010-05-27T23:17:51.804+05:302010-05-27T23:17:51.804+05:30संतोष जी,
मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ
१) अग...संतोष जी,<br />मैं आपसे कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ <br />१) अगर निरुपमा के मामा बाढ़ में थे तो २९ अप्रैल को अंकिता (जो की निरुपमा की दोस्त थी ) को फ़ोन करके किसने बताया की निरुपमा की मौत करेंट लगने से हो गयी,क्योंकि फ़ोन करने वाले ने कहा था की वोह निरुपमा का मामा है, और ये बात सिर्फ अंकिता को ही क्यों बताया गया ? उसके बाद अंकिता ने ही प्रियभांशु को फ़ोन करके बताया की निरुपमा की मौत करेंट लगने से हो गयी |<br />२) आपको पता होना चाहिए, निरुपमा का भाई और निरुपमा के पिताजी २७-२८ अप्रैल को ऑफिस से छुट्टी पे थे क्यों क्या दोनों एक ही दिन पार्टी करने वाले थे ?(पुलिस को यही पता चला था जब पुलिस पूछताछ के लिए मुंबई और गोंडा गयी थी )<br />३)आपने मोबाईल लोकेशन की बात की थी आपको पता होना चाहिए मोबाईल लोकेशन के बारे में आज के डेट में बच्चा बच्चा जनता है की पुलिस घटना के बाद सबसे पहले मोबाईल लोकेशन ही पता करती है |<br />४)सबसे महत्वपूर्ण सवाल, निरुपमा की वापसी दिल्ही का रेजेर्वेसन किसने और कब कैंसल करवाया ? क्योंकि निरुपमा के घरवाले तो कोडरमा में थे ही नहीं जैसा की आपने कहा <br />५)अगर निरुपमा ने आत्महत्या की तो निरुपमा को मोबाईल कहाँ है, लोग उसके मोबाईल को क्यों छिपा रहें हैं ?<br />६)पुलिस ने एसएम्एस और कॉल डिटेल की जांच परताल के बाद कहा था की एसएम्एस के साथ टेम्परिंग नहीं हुई है और उनके पास एसएम्एस की ओरिजिनल डिटेल भी है, अगर आपने निरुपमा के एसएम्एस को पढ़ा है तो आपको पता होगा की निरुपमा को बाथरूम में जाकर एसएम्एस भेजना पड़ता था जब निरुपमा के भाई और पिताजी घर पैर नहीं थे तो फिर निरुपमा पर लगातार कौन नज़र रख रहा था, जिसके वजह से निरुपमा को बाथरूम में जाना पड़ता था एसएम्एस भेजने के लिए |<br />७) आप निरुपमा के 'सुसाइड नोट' के बारे में बात करते हैं, आपको पता होना चाहिए लेसर प्रिंटिंग से किसी के हैण्ड राइटिंग में कुछ भी लिखा जा सकता है, और फोरेंसिक रिपोर्ट भी यह नहीं बता सकती की यह डुप्लीकेट है, और इसका इस्तमाल सबसे ज्यादा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में होता है |आपको पता होना चाहिए निरुपमा का भाई इनकम टैक्स ऑफिसर है|<br />८) निरुपमा का 'सुसाइड नोट' निरुपमा के घर से मिला है,पुलिस को निरुपमा के घर वालों का हैण्ड राइटिंग मैच करवाना चाहिए था, लेकिन पुलिस निरुपमा के दोस्तों का हैण्ड राइटिंग चेक करने में लगी है क्यों ??? <br />९) निरुपमा के गले का निशान उसके दुप्पटे से मैच नहीं करता, तो फिर निरुपमा के घर वाले यह कैसे बोल रहें हैं की निरुपमा ने इसी से सुसाइड कर लिया <br />१०)अंकिता ने जब प्रियभांशु को बताया की निरुपमा की मौत हो गयी तो प्रियभांशु ने कोडरमा पुलिस को जांच परताल करने को कहा लेकिन पुलिस फ़ोन पे मौत की जानकारी होने के चार घंटे बाद निरुपमा के घर गयी और चुप चाप से लौट गयीं पुलिस ने उसी वक़्त डेड बॉडी को कब्जे में क्यों नहीं लिया ?<br />११)हॉस्पिटल में जिस डोक्टर ने निरुपमा के बॉडी को रिसीव किया था उनका कहना है की जो लोग निरुपमा की डेड बॉडी को लेकर हॉस्पिटल आये थे वह लोग लोकल पब्लिक नहीं थे तो फिर वोह लोग कौन थे जो निरुपमा के डेड बॉडी को लेकर हॉस्पिटल गएAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-43440619857409393792010-05-27T21:09:18.800+05:302010-05-27T21:09:18.800+05:30संतोष जी,
रीतेश के तर्कों की आप प्रशंसा कर रहे हैं...संतोष जी,<br />रीतेश के तर्कों की आप प्रशंसा कर रहे हैं। लेकिन वह ऐसे लिख रहा है जैसे उसके सामने ही सबकुछ हुआ। सच तो यह है कि निरूपमा की मौत भूमिहारवाद के बहाने ब्राह्मणवाद को गाली देने का बहाना बन गई है। इसमें जितने लोग सक्रिय हैं, वे सभी भूमिहार हैं और नाम बदल-बदल कर वेबसाइटों पर कमेंट कर रहे हैं। उनका कम्युनिज्म इसी बहाने जाग रहा है। रीतेश भूमिहार, आनंद प्रधान भूमिहार, रामबहादुर राय भूमिहार, हिमांशु शेखर भूमिहार, दीपक कुमार भूमिहार और इन सारे भूमिहारों के साथ एक दिलजला दिलीप मंडल भी मिल गया है, जिसे ब्राह्मणों को गाली देने में मजा आता है। हालांकि जब वह सीएनबीसी चैनल के हिंदी सेक्शन का दिल्ली हेड था तो मुजफ्फरपुर का एक भूमिहार लड़का उससे नौकरी मांगने गया। जब उसे पता चला कि लड़का भूमिहार है तो उसने अजीत अंजुम भूमिहार, चीफ न्यूज 24, उदयशंकर भूमिहार, स्टार इंडिया, संजय सलिल भूमिहार का नाम उसे सुझा दिया। दिलीप ने उस लड़के से कहा कि आप भूमिहार हैं और इन भूमिहारों से नौकरी मांगिए। अब मुद्दा देखिए कि कम्युनिज्म जगाने और ब्राह्मणों को गाली देने के लिए वह भूमिहार खेमे का अगुआ बन गया है। इसलिए यह कहना कि रीतेश तर्कपूर्ण लिख रहा है, बिल्कुल गलत है। आपने उसकी कुछ ज्यादा ही तारीफ कर दी है।राजू जेंटलमैनnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-56271221913633187382010-05-27T20:00:24.512+05:302010-05-27T20:00:24.512+05:30प्रियभान्शु की नयी गर्ल फ्रेंड कौन है ?प्रियभान्शु की नयी गर्ल फ्रेंड कौन है ?Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-50543969338011901952010-05-27T16:03:07.986+05:302010-05-27T16:03:07.986+05:30ये लम्पट पार्टी अपनी गिरेबान बचाने के लिए हर हथकंड...ये लम्पट पार्टी अपनी गिरेबान बचाने के लिए हर हथकंडे अपना रही है यदि ये दोषी नहीं है तो इन्हें डर काहे का !ताकि इसे ओनर किलिंग से जोड़ कर अपनी करतूतों पर पर्दा डाला जा सके | इन्हें तो पुलिस जांच का भी इंतजार नहीं |<br />अब तो इस लम्पट पार्टी के गुर्गे इनके खिलाफ टिप्पणियाँ करने वालों को भी धमकाने के अंदाज में फोन कर रहें है साथ ही ये चूहे डर भी रहें है कि ये फोन कोई टेप ना करलें |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-78437694304334949342010-05-27T15:07:20.475+05:302010-05-27T15:07:20.475+05:30शर्मनाक के सिवा क्या कहें ।इलीलिए कहा गया है चोर क...शर्मनाक के सिवा क्या कहें ।इलीलिए कहा गया है चोर की दाड़ी में तिनका। जिस कातिल ने सबूतों से छेड़छाड़ की वो खुद रिमांड से बचने के लिए ये सारा खेल खेल रहा है। इसके रिमांड पर चड़ते ही सारी गुथी सुलझ जाएगी।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02964602014678479457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-46549333282198352082010-05-27T14:33:01.426+05:302010-05-27T14:33:01.426+05:30its is horribleits is horribleमाधव( Madhav)https://www.blogger.com/profile/07993697625251806552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-40522774931630794282010-05-27T13:29:45.355+05:302010-05-27T13:29:45.355+05:30संतोष जी ,
इस पोस्ट को पढ कर कोई भी आसानी से समझ स...संतोष जी ,<br />इस पोस्ट को पढ कर कोई भी आसानी से समझ सकता है कि आखिर हो क्या रहा है इस मामले में । मगर जानते हैं एक बात का अफ़सोस अब हमेशा ही रह जाएगा कि इसका हश्र भी आरूषि कांड जैसा ही होगा कुछ कुछ । समय बीतने के साथ ही सब कुछ और बडे गडबडझाले में बदल जाएगा । हो ह्ल्ला करते रहने से और कुछ हो न हो कम से कम प्रियभांशु के लिए तो इतना रास्ता हो ही जाएगा कि वो बेचारा पुन: किसी से प्रेम करके एक नई शुरूआत कर सके ।<br /><br />आपकी रिपोर्टिंग का जवाब नहीं है ।अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.com