tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post8907607675329819800..comments2023-10-19T22:27:05.076+05:30Comments on तूती की आवाज: निरुपमा मामला,लगता हैं मीडिया ने आरुषि मामले से सीख नही लीसंतोष कुमार सिंहhttp://www.blogger.com/profile/08520071837262802048noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-18553419661545849132010-05-22T19:09:19.775+05:302010-05-22T19:09:19.775+05:30निरुपमा की मौत क्या हुई धंधेबाज पत्रकारों की चांदी...निरुपमा की मौत क्या हुई धंधेबाज पत्रकारों की चांदी हो गया, हर कोई प्रगतिशील होने का दिखाबा कर रहा है. अपनी बहन और बेटी की शादी तो अपनी जाति और धर्म में ही करेगा, परन्तु यही बातें कोई बाप अपनी बेटी को पत्र में लिखता है तो उसको धमकी दिखता है.अपनी बहन बेटी को तो बुरका में ढक कर रखेगा परन्तु पाठक की बेटी को एक बेहयाई संसथान का ब्याव्चारी लड़का सालों से बलात्कार करता रहा उसके नजर में उस लड़के का कोई दोष नहीं.<br />उलटा ये हल्ला बोलने बाले निरुपमा के माँ बाप पर ही उसके मौत का आरोप चिल्ला चिल्ला कर लगा रहे है, कहते है न की "चोर के दाढ़ी में तिनका" <br />जबकि वस्तुस्थिति चीख चीख कर कह रहा है की निरुपमा की मौत का कोई जिम्मेवार है तो ओ है प्रियभांशु.<br />इस बेचारी लड़की के साथ सालों साल तक ये लड़का शादी का झांसा देकर बलात्कार करता रहा परन्तु अंत तक इसने निरुपमा से शादी नहीं किया, परिणाम हमारे और आपके सामने है एक बिन ब्याही माँ समाज और परिवार के मुंह दिखने के काबिल नहीं रही और मौत को गले लगा लिया. एक बात आप नोट करेंगे निरुपमा की मौत की खबर सबसे पहले दिल्ली से प्रियभांशु ने ही सबको दिया है, क्या प्रियभांशु को सपने आया था ? नहीं ये एक सुविचारित हत्या है और शक के घेरे में कोई है तो ओ है प्रियभांशु.डाँगीhttps://www.blogger.com/profile/03742399484509787224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-83042554310370000552010-05-22T19:03:58.185+05:302010-05-22T19:03:58.185+05:30nirupma ki maa to un apradhio ke banaye jal me kan...nirupma ki maa to un apradhio ke banaye jal me kanun ki najar me doshi sabit ho rahi hai. media ko to sirf masala chahiye .डाँगीhttps://www.blogger.com/profile/03742399484509787224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-17123887704401575512010-05-22T19:00:29.528+05:302010-05-22T19:00:29.528+05:30prayojit ghatnao me vastivak apradhi shayad hi pak...prayojit ghatnao me vastivak apradhi shayad hi pakad men aate hain. kyonki sakshy ka abhav apradhi ko bacha deta hai. sakshya dusron ke khilaf banaye jate hain.डाँगीhttps://www.blogger.com/profile/03742399484509787224noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-57093646817416860432010-05-08T18:47:31.607+05:302010-05-08T18:47:31.607+05:30आपकी यह रिपोर्ट पढने के बाद मैं कह सकता हूँ कि आपन...आपकी यह रिपोर्ट पढने के बाद मैं कह सकता हूँ कि आपने वाकई पत्रकार धर्म निभाया है |<br />आगे भी ऐसे मामलों में ऐसे ही तथ्य जनता के सामने लाते रहे |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-1270971750133436072010-05-08T00:54:29.864+05:302010-05-08T00:54:29.864+05:30इन सूचनाओं को पहुँचाने और इस प्रकरण को इतनी गम्भीर...इन सूचनाओं को पहुँचाने और इस प्रकरण को इतनी गम्भीरता से ले कर तथ्य जुटाने के लिए धन्यवाद।<br /><br />मुझे ऐसी आशंकाएँ पहले से थीं,४ मई को " निरुपमा की हत्या की गुत्थियाँ" ( http://streevimarsh.blogspot.com/2010/05/blog-post_04.html ) जब स्त्रीविमर्श पर लिखा था, तो ऐसे ही प्रश्न उठाए थे, जिनका काफ़ी हद तक सही होना व प्रमाणित होते जाना आपने ये तथ्य प्रस्तुत कर सिद्ध कर दिया है।<br /> <br />मुझे तो ( धर्म और जाति का नाम लेकर) निरुपमा के तथाकथित साथियों की मचाई जाती हाय तौबा को लेकर शुरु से ही आशंकाएँ थीं कि वे सब वस्तुत: उस नीच प्रियभांशु को बचाने की घृणित साजिश का फल हैं और वे सब के सब उसी तरह लड़कियों को नोच कर मार देने की पक्षधरता में लगे हुए हैं।<br /><br />व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे बड़ी राहत मिली कि झूठ के पाँव नहीं होते। जो लोग दिन में तीन तीन पोस्ट लगाते निरुपमा को न्याय का ढकोसला करते दूसरों की ऐसी तैसी में और अपनी दुकान चमकाने में लगे थे, अब सब दुम दबाए बैठे हैं अब कहाँ गया निरुपमा को न्याय उनका ? असल में तो वे अन्यायी और धूर्त दुष्ट को बचाने की मुहिम में लगए थे सारे के सारे। स्वत: ही स्पष्ट हो गया।<br />यही है नए मीडिया माध्यम का घिनौना चेहरा।Kavita Vachaknaveehttps://www.blogger.com/profile/02037762229926074760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-27285846283480501512010-05-07T10:08:40.695+05:302010-05-07T10:08:40.695+05:30@ दूसरी बात जो काफी गम्भीर बाते हैं समाजिक मूल्यो ...@ दूसरी बात जो काफी गम्भीर बाते हैं समाजिक मूल्यो को तोड़ना ही आधुनिकता की पहचान नही हैं।मीडिया इस मसले पर दोनो पक्षो को मजबूती से रखे तो बेहतर परिणाम सामने आ सकते हैं.... <br /><br />निरुपमा मामले में पहली निष्पक्ष रिपोर्ट के लिए बहुत आभार ...वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-21522343664119091882010-05-07T08:17:05.016+05:302010-05-07T08:17:05.016+05:30अब तक इस विषय पर लिखा हुआ सबसे सशक्त आलेख । आपने ब...अब तक इस विषय पर लिखा हुआ सबसे सशक्त आलेख । आपने बहुत सी उन बातों का खुलासा किया जो और कहीं भी पढने सुनने देखने को नहीं मिलीं ॥अजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-18404295889293782582010-05-06T18:50:00.189+05:302010-05-06T18:50:00.189+05:30संतोष जी , बहुत ही तथ्यपरक आलेख धारा के विपरीत लिख...संतोष जी , बहुत ही तथ्यपरक आलेख धारा के विपरीत लिखा है, बधाई के पात्र है आप. निरुपमा की मौत क्या हुई धंधेबाज पत्रकारों की चांदी हो गया, हर कोई प्रगतिशील होने का दिखाबा कर रहा है. अपनी बहन और बेटी की शादी तो अपनी जाति और धर्म में ही करेगा, परन्तु यही बातें कोई बाप अपनी बेटी को पत्र में लिखता है तो ओ उसको धमकी दिखता है.अपनी बहन बेटी को तो बुरका में ढक कर रखेगा परन्तु पाठक की बेटी को एक बेहयाई संसथान का ब्याव्चारी लड़का सालों से बलात्कार करता रहा उसके नजर में उस लड़के का कोई दोष नहीं.<br />उलटा ये हल्ला बोलने बाले निरुपमा के माँ बाप पर ही उसके मौत का आरोप चिल्ला चिल्ला कर लगा रहे है, कहते है न की "चोर के दाढ़ी में तिनका" <br />जबकि वस्तुस्थिति चीख चीख कर कह रहा है की निरुपमा की मौत का कोई जिम्मेवार है तो ओ है प्रियभांशु प्रियभांशु प्रियभांशु -------------.<br />इस बेचारी लड़की के साथ सालों साल तक ये लड़का शादी का झांसा देकर बलात्कार करता रहा परन्तु अंत तक इसने निरुपमा से शादी नहीं किया, परिणाम हमारे और आपके सामने है एक बिन ब्याही माँ समाज और परिवार के मुंह दिखने के काबिल नहीं रही और मौत को गले लगा लिया. एक बात आप नोट करेंगे निरुपमा की मौत की खबर सबसे पहले दिल्ली से प्रियभांशु ने ही सबको दिया है, क्या प्रियभांशु को सपने आया था ? नहीं ये एक सुविचारित हत्या है और शक के घेरे में कोई है तो ओ है प्रियभांशु.vijay jhahttps://www.blogger.com/profile/05418138073281298442noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5539608448112798215.post-17095028640375210592010-05-06T14:45:41.368+05:302010-05-06T14:45:41.368+05:30ब्रेकिंग न्यूज—
निरुपमा मामले में जारी मुहिम रग ला...ब्रेकिंग न्यूज—<br />निरुपमा मामले में जारी मुहिम रग लाने लगा हैं।पोस्टमार्टम को लेकर उठाये गये सवालो पर आज दोपहर बाद पोस्टमार्टम से शामिल डां0 ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि मैने किसी के दवाब में रिपोर्ट नही दिया हैं लेकिन अनुभव की कमी के कारण हमलोगो से भूल हो गयी हैं।लेकिन जब यह सवाल किया गया कि आपके इस भूल से माँ जैसी पवित्र रिश्ते कलकिंत हो रहे हैं तो वह चुप हो गये स्थिति यहां तक पहुंच गयी कि इन्होने अपनी गलती स्वीकार करते हुए कहा कि गलती भगवान से भी होता हैं। लेकिन अब सवाल यह उठता हैं कि निरुपमा की हत्या हुई या फिर आत्महत्या हुई इसको लेकर डांक्टर के फैसले का लाभ किसे मिल रही हैं यह सबसे बड़ी बात हैं.।संतोष कुमार सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08520071837262802048noreply@blogger.com