रविवार, फ़रवरी 06, 2011

बिहार में जूनियर डाँ के सामने क्यो बेवस है सरकार

बिहार मे कानून का राज्य है ऐसा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अक्सर बोलते रहते है,लेकिन जूनियर डाँ के मामले में ऐसा होता नही दिख रहा है नीतीश कुमार के शासनकाल में जूनियर डाँ पर मरीज के परिजन के साथ मारपीट करने और सरकारी सम्पत्ति को तोड़फोड़ करने को लेकर 28मुकदमा सूबे के विभिन्न थानो में दर्ज है।लेकिन उन मुकदमो पर कोई कारवाई आज तक नही हुई है।इनके हड़ताल पर जाने  के कारण दो सौ से अधिक मरीजो की मौत हो चुकी है।मरने वालो में अधिकांश वही थे जिनका मसिहा होने का दावा नीतीश कुमार करते हैं।मानवाधिकार आयोग ने जूनियर डाँ के इस आचरण को गैर कानूनी मानते हुए मरीजो के मौत के लिए जूनियर डाँ को जबावदेह ठहराया था यह फैसला दो वर्ष पूर्व  आया है।आयोग राज्य सरकार से उन जूनियर डाँ की सूची पिछले दो वर्ष से लगातार माँग रही है जो इस मामले में आरोपित है।लेकिन सरकार सूची देने से आना कानी कर रही है, नीतीश कुमार पर सीधा आरोप है कि जूनियर डाँ में अधिकांश चर्चित रंजीत डोन का प्रोडक्ट है और मुख्यमंत्री के स्वजातीय है जिसके कारण उन जूनियर डाँ पर कारवाई नही हो रही है तहकिकात के दौरान लोगो का आरोप लगभग सही पाया गया है। अब आप ही बताये सूबे मे कानून का राज्य है क्या---

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