मित्रों खबरो की भूख ने मुझे ब्लांग से जुड़ने को मजबूर किया था संस्थागत मजबूरियो के काराण कई बार एसहास होता था कि हमलोग खबरो के साथ न्याय नही कर पा रहे हैं ।या फिर जिस उद्देश्य से मीडिया से जुड़े हैं वह कही समय के साथ साथ खोता जा रहा है और जिस अंतिम व्यक्ति की आवाज बनने की सोच को लेकर मीडिया से जुड़ा उसके साथ न्याय नही कर पा रहे हैं।लेकिन ब्लांग के लगभग दो वर्ष के सफर के बाद मुझे बेहद सकून महसूस हो रहा है कि मैं अपने मकसद में बहुत हद तक कामयाब रहा खासकर निरुपमा पाठक के मौंत मामले में जिस तरीके से मीडिया के धाराओ के साफ विपरित निरुपमा के मौंत को लेकर जारी मीडिया ट्रायल को तूती की आवाज के माध्यम से कुंद किया उसको लेकर आज मुझे गर्व महसूस हो रहा है।
आज सभी चुप हैं क्योकि पुलिस ने भी मेरी थ्योरी को ही मौहर लगायी है। पुलिस ने अपने क्लोजर रिपोर्ट में निरुपमा के आत्महत्या की बात लिखी है जिसके लिए निरुपमा के माँ,पिता और भाई के साथ साथ प्रेमी प्रियभांशु को जबावदेह ठहराया है।पूरा अनुसंधान एम्स के डाँक्टर के रिपोर्ट के साथ साथ हैदराबाद के फौरेन्सिक लैब के रिपोर्ट पर आधारित है जिसमें सोसाईड नोट निरुपमा के द्वारा ही लिखे जाने की बात जांच में सामने आयी है।साथ ही एम्स के डांक्टरो की संयुक्त जांच टीम ने निरुपमा की मौंत को आत्महत्या माना है।हैदारबाद लैब ने निरुपमा के लैपटोप के साथ मोबाईल के उन तमाम मैसेज को भी समाने लाया है जिसे प्रियभांशु ने बड़ी सावधानी से उड़ा दिया था।पुलिस इन सभी तथ्यो के आधार पर धारा 306 के तहत कैस को सही पाया है ।इस मामले में दस वर्षो तक की सजा का प्रावधान है।
पाखंडी पंडित परिवार को जितनी सजा मिलनी थी वह मिल चुकी है और अब बारी प्रियभांशु एण्ड कम्पनी की है जिन्होने इस पूरे प्रकरण के दौरान प्रियभांशु के बचाव में अनर्गल अलाप करते रहे।पुलिस के जाँच में जो बाते सामने आयी है उनमें से अधिकांश तथ्यो का मैंने खुलासा अपने ब्लांग के माध्यम से पहले ही कर दिया था।लेकिन पुलिस ने उन बातो को भी अपने अनुसंधान में लिखा है जिसको लिखने से मैं परहेज कर रहा था। निरुपमा के साथ प्रियभांशु का व्यवहार समय के साथ साथ कैसे कैसे बदला सारा कुछ पुलिस के डायरी में दर्ज है। किस तरीके से प्रियभांशु ने निरुपमा के लैपटोप से सारा साक्ष्य मिटाने की पूरी कोशिस की लेकिन हैदरावाद की रिपोर्ट ने प्रियभांशु के सारे मनसूबे पर पानी फेर दिया।प्रियभांशु ने निरुपमा के गर्भवती होने की खबर के बाद किस तरह से निरुपमा को शाररिक और मानसिक रुप से प्रतारित किया वह सब कुछ निरुपमा के लैंपटोप में दर्ज है ।फिर भी इस मामले की सीबीआई जांच को लेकर पहल होनी चाहिए इसलिए नही कि निरुपमा के साथ न्याय नही हुआ इसलिए होना चाहिए कि प्रियभांशु जैसे भेड़िया आये दिन किस तरीके से महानगरो में लड़कियो को अपने जाल में फंसा कर शाररिक और मानसिक शौषण कर रहा है और इससे बचने के लिए किस किस तरह के हथकंडो का उपयोग करते हैं।इस पूरे प्रकरण में जिन जिन लोगो ने मुझे हौसला अफजाई किया उन्हे स हद्यय धन्यवाद ।साथ ही उन मित्रो को भी धन्यवाद जिन्होने इस पूरे प्रकरण में मेरी माँ बहनो को भी गाली देने से नही चुंके।
3 टिप्पणियां:
एक और जहाँ पुरे प्रकरण में कोडरमा पुलिस का प्रेमी के प्रति संदिग्ध रवैया पुरे प्रकरण में दिल्ली से प्रभावित होने वाला कोन रहा वहीँ निरुपमा के घरवालों को प्रताड़ित करने में भी कोडरमा पुलिस पीछे नहीं रहा. जांच बिंदु के उपरान्त भी कोडरमा पुलिस दिल्ली के कथित अपराधी प्रवृति के पत्रकार के दवाब में आकर पाठक परिवार को शामिल कर मामले में दवाब की बात को बल दिया है. देखना होगा प्रियाभांशु को कितनी जल्दी गिरफ्तार किया जाता है या फिर खानापूर्ती ही
धन्यवाद संतोष जी, तथ्यगत रिपोर्टिंग के लिए, देर आयद दुरुस्त आयद आपका मेहनत मुकाम तक पहुंचा ! और मैं रजनीश जी से सहमत हूँ प्रिय्भान्शु का दोष सिद्ध होने के वाद भी निरुपमा के माता पिता को इस मामले में लपेटे रखना पुलिस का रवैया समझ से पड़े है !
क्या सच्चा है, राहुल गांधी के बलात्कार का मामला?
मेल पर मिली खबर के मुताबिक राहुल गांधी अमेठी दौरे पर थे। उस दौरान उन्होंने अपने इतालवी व चार अंग्रेज मित्रों के साथ मिलकर अपनी ही पार्टी के एक कार्यकर्ता की 24 वर्षिय पुत्री के साथ बलात्कार किया।
क्या कोई बताएगा कि इस बात में कितनी सच्चाई है? चूंकि वर्चूअल स्पेस पर इसे लेकर कई तरह की जानकारी है और टीवी - अखबार दोनों इस मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं!
कुछ कवरेज:-
01. Who is covering rahul gandhi rape case?
02. Rahul Gandhi's involvement in gang rape
03. Rahul Gandhi involved in Gang Rape : Vctim Ms.Sukanya is under threat from Congress goons
04. राहुल गांधी के खिलाफ अश्लील आरोप, वेबसाइट ब्लॉक.. लेकिन काट भी उपलब्ध!!
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