पुरुष और महिलाओ के रिश्ते को लेकर आये दिन चर्चाय होती रहती है निशाने पर पुऱुष ही होता है,चलिए आज आप सबो से कुछ अलग अंदाज में बात करते है उम्मीद है मित्र आप दिमाग से नही दिल से जबाब देगे।पुरुष आलसी होता है,दूसरे का खयाल नही रखता है,घर का दबाव नही रहे तो पूरे दिन अवारागर्दी करते रहेगा,घर में माँ और पत्नी के एहसान तले दवा रहता है, तो घर से बाहर लड़कियो पर डोरा डालता रहता है,कानून और समाज का भय नही हो तो राह चलते लड़कियो के साथ किसी भी हद को जाने में देर नही लगायेगा,बंधन उसे पसंद नही है ,महिलाओ के मामले में पूरी तौर पर फ्लट करने में विश्वास रखता है, घर से बाहर निकलते ही दूसरे पर डोरा डालना शुरु कर देता है,महिलाओ के साथ इसका व्यवहार इस कदर होता है जैसे कोई उपभोग की वस्तु हो इनते बूरे होते है पुरुष। अब आप बताये इस पुरुष रुपी समस्या का समाधान क्या है। हजारो वर्षो के दौरान हमारे पूर्वजो ने जो समाज का निर्माण किया या फिर परिवार जैसी संस्था बनायी ,जिसके बारे में महिलाये कहती है कि परिवार जैसी संस्था ने महिलाओ के शोषण को और बढा दिया।अब आप ही बताये कौन सी संस्था होनी चाहिए क्यो कि बाकी और जो भी संस्था है उसमें पुऱुष का तो बल्ले बल्ले है ।पुऱुष तो चाहता ही कि जीवन में जीतनी महिलाए मिले बेहतर है बच्चा पैंदा करे और महिलाये उसका लालन पालन करे और सड़क पर पुरुष आवारा कि तरह डोरा डालते रहे।यह सच एक पुरुष के रुप में मैं पूरे होशो हवास में स्वीकार कर रहा हूं और अब आप बताये इस पुऱुष रुपी समस्या का समाधान क्या हो सकता है
143. अरविंद घोष
8 घंटे पहले
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