मंगलवार, नवंबर 06, 2012

क्या बिहार में कानून का राज्य है

मित्रों किसी ऐसे व्यक्ति ने ये खबर मुझे भेजी है जो मुझे एक निर्मिक, निडर और उत्साही पत्रकार के रुप में जानता है ।लेकिन शायद पहली बार उसके उम्मीद पर मैं खड़ा उतर नही पाया ।मैंने इस खबर के लिए सोशलसाईट का सहारा लिया शायद इस खबर में सुशील मोदी
की जगह विपंक्ष का कोई भी नेता रहता है या कही लालू प्रसाद होते तो आज पूरे देश के मीडिया में पहले खबर भजने की होड़ मची रहती ।लेकिन ऐसा नही है इस खबर के बारे में सभी मीडिया हाउस को मालूम है लेकिन सभी ने अपना ईमान गिरवी रखने में परहेज नही किया।खबर ये है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी बिहार में बाध के सरक्षंण को लेकर बाल्मिकीनगर जंगल के दौरे पर गये थे। दो दिनो तक इसको लेकर विशेष अभियान चलाया गया जोरदार कभरेज मिले इसके लिए पत्रकारओ की एक पूरी फौज को वहां पर ठहराने और रहने की विशेष व्यवस्था की गयी थी।भले ही खबर प्रथम पृष्ठ पर नही छपी लेकिन खबर आयी थी।अब इस खबर के पीछे की खबर जान ले याद करिए बाहुवलि शाहाबुद्दीन का वो जवाना जब उसकी तुती बोलती थी। उस वक्त इंडिया टू़डे ने एक कभर स्टोरी छापी थी जिसमें हीरण को मारकर जश्न मनाते हुए शहाबुद्दीन की तस्वीर छपी थी। जिसके आधार पर शहाबुद्दीन सहित कई लोगो पर मुकदमा भी दर्ज हुआ था, यही सुशील मोदी इस तस्वीर को लेकर बड़े बवेला मचाये थे पशु सरंक्षण लेकर कई तरह की दलीले देकर तत्तकालिन राजद सरकार को कठघरे में खड़े किये और पूरे देश के पशु सरंक्षक और पर्यावरणविद इसको लेकर आवाज उठाये थे।अब जरा तस्वीर का दूसरा रुप देखिए शहाबद्दीन हीरण को मार कर जिस समय जस्न माना रहा था उस समय के फोटो को गौर से देखे और लाल लकीर से जिस व्यक्ति का चेहरा घेरा है उसको देखे। उसके बारे में कुछ कहने की जरुरत नही है शहाबुद्दीन के इतने करीब रहने वाला भगत सिंह तो नही ही हो सकता है। उस लड़के पर आरोप था कि जिस समय शहाबुद्दीन अपने कुनवे के साथ हीरण का शिकार करने बल्मिकीनगर जंगल गया था उस वक्त यही लड़का गाड़ी चला रहा था। आज देखिए जब सुशील मोदी बाल्मिकीनगर बाघ के सरंक्षण के लिए पहुंचे है तो यही लड़का जो आज न्याज हसन डांन के नाम से चर्चित है मोदी का ड्रायवरी कर रहा है।ये संयोग नही हो सकता क्यो कि ड्रायविंग सीट पर कोई खास आदमी ही बैंठ सकता है वह भी तब जब सूबे के उप मुख्यमंत्री को बगल के सीट पर बैठना हो।मोदी या उनके जानने वालो का यादास्त भले ही कमजोर हो गयी लेकिन उन वन अधिकारियो और पुलिस अधिकारियो पर क्या गुजरा होगा जब न्याज हसन को बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के इतना करीब देखा होगा। जिस पर न जाने कितने बाघ और हीरण मारने के आरोप लगते रहे है क्या यही सुशासन है इसी को कानून राज्य कहते हैं।

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