रविवार, अप्रैल 18, 2010

ऐसा टकसाल नही बना हैं जो नीतीश को खरीद सके


पहली बार शराब घोटाले मामले में जब मुख्यमंत्री सचिवालय पर करोड़ो के घोटाले का आरोप लगा था, तो नीतीश कुमार ने बड़ी बेवाकी से कहा था कि कोई ऐसा टकसाल नही बना हैं जो नीतीश को खरीद सके।आवाज में दभ था और एक संदेश भी की कोई मुख्यमंत्री पर पैसे लेने का आरोप लगाने का दुसाहस नही करे।मेरा भी मानना हैं कि राजनैतिक मजबूरियो के कारण पैसे के लेन देन की जानकारी के बावजूद नीतीश चुप रह जाते हो लेकिन इस विचारधार के हैं नही।मीडिया में रहने के कारण अक्सर तबादले और विकास कार्य के माध्यम से धन की उगाही की बात सुनते रहते हैं। लेकिन दो वाकया ने तो मेरी नींद हराम कर दी।पिछले सोमवार को रात के करीब 12 बजे मोबाईल की घंटी बजी।


इतनी रात गये पत्रकारो के मोबाईल की घंटी बचना कभी भी शुभ संदेश लेकर नही आता हैं।मंगलवार को मोरनिंग सिप्त रहने के कारण मैं जरा जल्दी सो गया था।लेकिन जैसे ही मोबाईल की घंटी बजी मोबाईल उठा लिया और बोला क्या सर इतनी रात गये फोन कर रहे हैं सब ठिक ठाक हैं कि नही।

संतोष जी दो बड़ी खबर हैं विनोवा भावे विश्वविधालय के कुलपति अरविन्द कुमार मगघ विश्वविधालय बोधगया का कुलपति बन गया हैं।झारखंड में इसके खिलाफ करोड़ो रुपये घोटाले के चालीस मामले की जांच चल रही हैं और यह बहुत जल्दी पकड़ाने वाला था मैंने पुछे ऐसे दागी लोगो को कैसे कुलपति बनाया गया हैं।राज्यपाल एक करोड़ रुपया लिया हैं।दूसरी खबर हैं कि एसपी अमीत जैन जिसके बारे में आप खबर दिखाये थे कि कटिहार एसपी के कार्यकाल के दौरान इन्होने सिपाही बहाली में करोड़ो रुपये की उगाही किया थी और राज्य सरकार द्वारा गठित टीम ने भी इसे दोषी करार दे दिया था।उसे पटना का सीनियर एसपी बनाया जा रहा हैं।आरसीपी(मुख्यमंत्री के निजी सैक्ट्री हैं)को 25लाख रुपया दिया हैं।मैने उनसे पुछा नोटिफिकेशन हो गया कि नही एक दो दिन में हो जायेगा।मैंने कहा इतनी रात गये आप इस तरह की खबर दे रहे हैं नीतीश कुमार इस मामले में बड़ी सावधानी से कदम बढाता हैं इतना कच्चा खेलाड़ी नही हैं।कह कर मैं फिर सो गया,सूबह जब आफिस पहुचा तो रात वाली बात याद आयी मैने तुरंत मुख्यमंत्री के सुरक्षा से जुड़े एक आलाधिकारी को फोन किया सर ऐसी बाते सामने आ रही हैं।जरा इस पर नजर रखियेगा । मुझे भी विश्वास नही हो रहा हैं लेकिन ऐसा हुआ तो सरकार की बड़ी बदनामी होगी।बात आयी औऱ चली गयी।

अचानक शुक्रवार की सुबह अखबार के प्रथम पेज पर छपा हैं अरविन्द कुमार मगघ विश्वविधालय के कुलपति बने, मेरा दिमाग चकरा गया मैंने तुरंत उस व्यक्ति को फोन लगाया जिसने यह सूचना दी थी।जैसे ही मोबाईल उठाया बोला संतोष जी कह रहे थे ने आपको बन गया न हिन्दुस्तान टाईम्स पढिए सारा चिठ्ठा कठ्ठा लिखा हैं।बात खत्म होते ही मैने मुख्यमंत्री सुरक्षा से जुड़े उस आलाधिकारी को फोन लगाया उस तरफ से आवाज आती हैं सीएम के साथ हैं।लगभग दो घंटे बाद उक्त आलाधिकारी का फोन आया मैने कहा सर देखे अरविन्द कुमार कुलपति बन गया मैने कहा अब आगे अमित जैन पटना का सीनियर एएसपी न बन जाये।उन्होने कहा संतोष जी मेरा विश्वास हिल गया हैं अब कुछ भी हो सकता हैं।आप उसी दिन साले का खबर चला देते मैंने कहा सर प्रिंट मीडिया नही हैं भिजुउल मीडिया में यह सब सम्भव नही हैं।

बात गयी बीत गयी उसी दिन शुक्रवार की रात करीब 10बजे एक डीआईजी का फोन आया संतोष जी कहा हैं मैने बोला सर जी घर पर हैं पता लगाईए बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियो का तबादला हो रहा हैं।मैंने मुख से अचानक निकल गया कि अमित जैन पटना का सीनियर एसपी बना होगा।उन्होने पुछा यह आप कैसे कह रहे हैं।थोड़ी देर बाद चैनलो पर खबर भी आने लगी बड़े पैमाने पर आईपीएस अधिकारियो का तबादला।सूची मिलने में लगभग एक घंटे चालीस मिनट का समय लग गया जैसे ही सूची मिली सबसे पहले पटना के एसएसपी के पद पर हुई नियुक्ति की तरफ नजर दौड़ाया अमित जैन पटना का सीनियर एसएसपी बना।हो सकता हैं उस साहब की बातो में दम न हो । लेकिन कुलपति और एसएसपी की नियुक्ति को लेकर इस तरह की चर्चाये होनी भी बड़ी बात हैं।क्यो कि दोनो पद अपने अपने जगहो पर बेहद महत्वपूर्ण हैं और प्रदेश के क्षवि को रिप्रजेन्ट करता हैं।

लेकिन मेरी समझ में यह नही आ रहा हैं कि नीतीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री को ऐसी क्या मजबूरी हो सकती हैं कि जिन पर पूर्व से ही भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हो और उन पर जांच चल रही ऐसे लोगो को महत्वपूर्ण पदो पर नियुक्त करे।

बिहार ही नही पूरे देश में विकास से बड़ा मुद्दा भ्रष्टारचार हैं और आज देश में जो भी समस्याये खड़ी हैं उसके पीछे भ्रष्टारचार हैं और मुझे लगता हैं कि इस देश को एक बार फिर भ्रष्टाचार के कारण ही अपनी अस्मिता खोनी न पड़ सकती हैं।

3 टिप्‍पणियां:

फ़िरदौस ख़ान ने कहा…

ऐसा टकसाल नही बना हैं जो नीतीश को खरीद सके...

क्या बात है...

बेनामी ने कहा…

bihar ko taraaqqi karta dekh kar app logon ki phat tee keon haih bhaie?...

neelkamal ने कहा…

santosh ji aap bhi uri uraye baton pe keh rahe hai.mai ne aap ka blog first time dekha hai.lagta hai aap bhi gov seva me hain.lekin aap ko sarkari sevak hotenahi karni hua tippani chaheye.aur jahan tak cm nitish kumar ke baare me khiladi word ka use na kare to acha hai.aap ki mansikta bhi lallu raj jaise hai.