मंगलवार, जुलाई 06, 2010

देश के नेताओ कुछ तो शर्म करो

नेता की ठाठशाही,और अधिकारी की अफरशाही देश की मेहनत कस जनता की गांढी कमाई पर चल रही।यह जूमला बचपन से सूनता आ रहा हू,पत्रकारिता में आने के बाद यह जुमला अक्सर किसी न किसी कार्यक्रम के दौरान सूनने को मिलता रहा है। लेकिन कभी भी इस विन्दु को गम्भीरता से नही लिया,लगा यह महज समाजवादी और वामपंथियो की राजनैतिक चौचलेबाजी मात्र है।


सोमवार को एनडीए और वामपंथी पार्टी द्वारा महंगाई को लेकर आयोजित बंद का कभरेज के दौरान पेट्रोल पम्प ऐसोसिएन के लोगो से भेट हुई बातचीत के दौरान एक पेट्रोल पम्प मालिक ने कहा सभी दल राजनीत कर रहा है, किसी को भी जनता का फिक्र नही है। लेकिन जनता के नाम पर ये सभी दल अपनी अपनी राजनीत की दुकाने चला रही है।कोई कहने वाला नही है राजनीति में वैसे लोगो की जमात है जिन्हे देश की अर्थ व्यवस्था की समक्ष नही है।शिक्षाविदो को अपनी नौकरी करने के अलावे समाजिक और आर्थिक मुद्दे पर सोचने का वक्त कहा है।और पत्रकारिता के बारे में बात करनी ही बेकार है।जोरदार बहस चल रही थी लेकिन पल पल की खबर पर नजर रखने की मजबूरी ने इस बहस का हिस्सा बनने की प्रबल इक्छा के बाद भी शामिल नही हो पा रहा था।

लेकिन जाते जाते मैंने उनका मोबाईल नम्बर ले लिया।रात में जब घर लौटा तो दिन की गर्मी और खबर भेजनी की आपाधापी में पूरी तरह थक जाने के बावजूद मैने पेट्रोल पम्प मालिक को फोन लगा दिया जैसे जैसे बाते आगे बढ रही थी मेरी बैचेनी बढती जा रही थी उन्होने जो कहा वह मुझे यकिन ही नही हो रहा था।मैं बार बार कह रहा था कि जो तथ्य आप रख रहे है, इतने बड़े बड़े जानकार इस देश में मौंजूद हैं बड़े बड़े पत्रकार हैं उनके नजर में ये बाते क्यो नही आ रही है।यह तो बहूत बड़ा पाखंड है उनके तथ्यो को लिखने के बाद पटना विश्वविधालय के अर्थशास्त्र के प्रोफेसर एन0के0चौधरी से मैंने बात की उन्होने कहा कि पेट्रोल पम्प के मालिक ने जो कहा है वह पूरी तौर पर सही है।उसके बाद और कई मित्रो से बात किया, जिसने भी सूना सभी के सभी भौंचक रहे गये।हो सकता है आप लोगो की जानकारी में ये बाते हो लेकिन इस सच से सबो का अवगत कराने की मेरी बैंचनी ने आज लिखने को मजबूर कर दिया है।जिस पेट्रोलियम पदार्थ के दाम को लेकर इतनी हाई तौबा मचायी जा रही है जरा उसके अंक गणित को समझे,

केन्द्र सरकार ने कहा कि सबसिडी खत्म करने के कारण तेल का दाम बढाया गया है यह मजबूरी में उठाया गया कदम है। लेकिन तेल के दामो में बढोतरी करने से केन्द्र और राज्य सरकार के आमदनी में बीस हजार करोड़ के करीब बढोतरी हुई है।जरा इस आकड़ो पर आप भी गौर करे।

पेट्रोल पर केन्द्र सरकार 11.80प्रतिशत सेन्ट्रल ऐक्ससाईज 9.75प्रतिशत एक्सपोर्ट टेक्स लेती है।और बिहार सरकार 24.50प्रतिशत वेट टेक्स के रुप में लेती है।इस तरह एक लीटर पेट्रोल पर दोनो मिलकर 46प्रतिशत टेक्स लेती है,इसका मतलब हुआ 53रुपये 19पैसे में 23रुपया टेक्स सरकार आम जनता से लेती है।यही स्थिति डीजल का हैं इसमें भी 40प्रतिशत के करीब टेक्स राज्य और केन्द्र वसूलती है।ऐसे हलात में सरकार टेक्स में कमी कर जनता के बोझ को कम कर सकती है लेकिन इस पर सभी खामोश हैं।ब्लाग पर इस तथ्य को सामने लाने के पीछे इस विषय खुलकर चर्चाये हो और अगर आकंड़ो के खेल में ये बाते सही साबित होती है तो सरकार और नेताओ के पाखंड पर खुलकर हल्ला बोलने की जरुरत है।

1 टिप्पणी:

Jandunia ने कहा…

खूबसूरत पोस्ट