रविवार, जून 07, 2009

इन दिनों बिहार फिर सुर्खियों में हैं।

बिहार इन दिनों फिर सुर्खियों में हैं मामला अपहरण और हत्या से जुड़ी हैं।सरकार और उसकी पूरी मशीनरी मामले के उदभेदन में लगी हैं ऐसा दिख रही हैं ।लेकिन परिणाम शून्य हैं।पिछले एक पखवाड़े के दौरान बिहार में एक दर्जन से अधिक अपहरण और हत्या की बड़ी वारदात हो चुकी हैं मुख्यमंत्री से लेकर डी0जी0पी0तक अपने अपने तरीके से घटनाओं की व्याख्या कर रहे हैं।लेकिन जनता एक बार फिर सहम गयी हैं माहौल फिर से बदलने लगा हैं ।घर सही सलामत पहुंच जाय इसकी चिंन्ता लोगो के चेहरे पर फिर से झलकने लगी हैं।सत्यम उर्म आठ वर्ष पटना कंकड़बाग का रहने वाला हैं इसके पड़ोस में ही रहने वाला 14वर्ष का अविनाश और गुडु ने सत्यम का अपहरण कर लिया परिवार वाले थाने का चक्कर लगाते रहे लेकिन तीन दिनों तक प्राथमिकी तक दर्ज नही की गयी मामला का जब तक खुलासा हुआ तब तक सत्यम की हत्या हो चुकी थी।जांच के दौरान ये बाते खुल कर सामने आयी की आरोपी आज के वैशविक जरुरतों को पूरी करने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था।इस मामले को लेकर पटना के लोगो ने जमकर हंगामा किया और जनता की मांग पर थानेदार गिरधर पांडेय को निलम्बित कर दिया गया।यह गिरधर पांडेय वही हैं जिन पर जहानावाद में महिलाओं की सरेआम पिटाई करने सहित कई आरोप की अभी भी जांच चल रही हैं ऐसे दागी पदाधिकारी की पदस्थापना कैसे हो गयी ये जांच का विषय सुशासन के दावे करने वाली सरकार के लिए जरुरी नही हैं।मुख्यमंत्री ने इस मामले में मनोचिकित्सक से सलाह लेने की बात करते हुए प्रशासनिक पहलुओं को नजरअंदाज कर दिया।इस घटना का फायदा उठाते हुए ऐसे पदाधिकारी जो वर्षों से राजधानी में पदस्थापित थे जिन्हे चुनाव आयोग ने हटा दिया था पुन पटना पहुंच गये और महत्वपूर्ण थाने के अध्यक्ष बन गये।दूसरी घटना भी पटना से ही जुड़ी हैं।जद यू नेता और पूर्व सांसद विजय कृष्ण पर अपने ही रिस्तेदार सत्येन्द्र सिंह की अपहरण कर हत्या करने का आरोप हैं घटना के 16दिन बाद भी पुलिस पूर्व सांसद और उसके बेटे के खिलाफ साक्ष्य ही इक्ठा करने में ही लगा हैं।दिखाने के लिए पुलिस पहली बार किसी भी अपराधिक मामलों के उदभेदन के लिए सेना की मदद ले रही हैं।वही बिहार की आर्थिक राजधानी माने जाने वाले मुजफ्फपुर में डां0दम्पति और एक पैट्रोल पम्प के व्यवसायी के तीन वर्षीय पुत्र को अपराधियों ने अपहरण कर लिया पैट्रोल पम्प व्यवसायी का पुत्र तीन लाख फिरौती दे कर छुटा हैं ऐसा उसके घर वाले ही कहते हैं वही डां0दम्पत्ति के अपह़्त पुत्र रितिक के रिहाई के लिए मोलभाव चल रहा हैं।यहां पदस्थापित एस0पी0सुधाशु कुमार पर भी अपराधियों को संरक्षण देने,फर्जी पासपोर्ट के मामले सहित कई मामलों में जांच चल रही हैं लेकिन सत्ता समीकरण से जुड़े रहने के कारण इन्हें महत्वपूर्ण जिले का एस0पी0 बनाये हुए हैं।यही स्थिति बेगूसराय समस्तीपुर का हैं।जहां यह चर्चाये आम हैं कि समस्तीपुर के एस0पी0थाने बेचते हैं कहने का मतलब यह हैं कि जो पुलिस पदाधिकारी जितनी अधिक बोली लगायेगा उसे उस थाने का अध्यक्ष बनाया जायेगा।एक एक थाने की बोली दो से तीन लाख होती हैं और उसके उपड़ से दस से पंद्रह हजार रुपया प्रतिमाह महिनवारी देनी हैं।अधिकांश जिलों की यही स्थिति हैं ऐसे हालात में नीतीश के दावे राज्य में कानून का राज्य स्थापित हैं सच से पड़े हैं। लेकिन लालू के कुशासन से तंग जनता इस हालात में भी सकून महसूस कर रहे हैं।