शनिवार, मार्च 03, 2012

क्या कर रहे हो मित्र

मुझे अब अपने प्रोफेसन से शर्म आने लगा है,समझ में नही आ रहा है की इस प्रोफेसन का क्या होगा, हमलोगो ने तो इस प्रोफेसन के स्वर्णिम काल का आनंद ले लिया। दुर्भाग्य यह है कि नये लड़के जो इस प्रोफेसन से जुड़ रहे  हैं पता नही किस दुनिया में रहते हैं।उन्हे यह समझ में क्यो नही आ रहा है कि पत्रकारिता विश्वास के बुनियाद पर है ठिका है। विश्वास खो दिये तो फिर इस प्रोफेसन से जुड़े लोगो का क्या होगा, लगता है इस और कोई सोचता ही नही है।राजनेता और मीडिया के व्यापार करने वाले उघोगपति भी तो यही चाह रहे है और हमलोग उसके गिरफ्त में फसते जा रहे है, हमारे पास क्या है जनता का विश्वास अगर वही खत्म हो गया तो फिर मेरा हाल क्या होगा सोचिए मित्र।अब जरा कल ही की घटना को ले राज्य के एक बड़े अग्रेजी दैनिक अखबार के बड़े पत्रकार ने लिखा की तीन सौ रुपये के खातिर ठिकेदार नें एक लड़के का दोनो हाथ काट दिया खबर छपते ही हंगामा हो गया।मुख्यमंत्री ने जांच का आदेश दे दिया विधानसभा और विधानपरिषद में विपंक्षी ने जमकर हंगामा मचाया और उसके बाद तो भिजुउल मीडिया ने  जो खेल खेला  वह तो आप लोग देखे ही होगे।मैंने इस खबर को लेकर संदेह व्यक्त किया लेकिन किसी ने मेरी नही सुनी और उसके बाद शाम में जब सच सामने आये तो खबर चल रही है अपना खंडन क्यो रहे इस दंभ में कोई भी खबर रोकने को तैयार नही हुआ।मामला यह है कि अरवल निवासी रामसागर चन्द्रवंशी का 19फरवरी को दानापुर में ट्रेन से गिरने के दौरान घायल हो गया था।दानापुर  जीआरपी ने घायल चन्द्रवंशी को बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया स्थिति में सुधार होने पर चन्द्रवंशी अस्पताल से भाग खड़ा हुआ और फिर गांव पहुंच कर इस तरह का खेल रचा गया और इसके झांसे में मीडिया आ गया क्यो कि हमारे लिए सरकार को नीचा दिखाने का इससे बेहतर मौंका और क्या हो सकता था।

कोई टिप्पणी नहीं: