गुरुवार, जनवरी 10, 2013

यह सेना जो आप के शरहद की रक्षा करता है भाड़े का टटू नही है

आज पूरे दिन में दो ऐसे फोन कांल आये है जिसने मुझे अभी तक बैचेन किये हुए है एक से तो मैं निपट लिया लेकिन दूसरे के लिए मेरे पास जबाव नही है--सुबह सुबह शुभ प्रभात के साथ साथ मेरे एक सीनियर सैन्य अधिकारी मित्र का फोन आय़ा फिलहाल वे दिल्ली में पोस्टेट हैं, उन्होने कहा कि आज कहां कैडिल मार्च निकलवा रहे है-----बरसब मेरे मुंह से निकल गया क्या सुबह सुबह मजाक कर रहे है इस कैंडिल मार्च को लेकर मेरी क्या सोच है उससे तो आप अवगत है, नही नही देश की सीमा की रक्षा कर रहे दो जवानो का सर काट कर पाकिस्तान की सेना अपने साथ ले गया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नही दिख रही है ।मीडिया में बहस हो रही है सोशल साईट पर लोगो की प्रतिक्रिया आ रही है लेकिन इंडिया गेट और जंतर मंतर सूना है आपका कारगिल चौक से भी कोई प्रतिक्रिया सुनने को नही आ रहा है। अरे भाड़े के लोगो को भी लाकर कैंडिल मार्च करवा दे और नही हो तो वही पूरानी वाली भिजूउल आप लोगो के पास तो रहता है ही उसमें से  दामिनी लिखा पोस्टर को हटा दे--- दो अदद सिपाही मरा है उसकी कोई किमत भारतीय नागरिक के सामने क्या है आप मित्र है इतना तो मेरे लिए कर ही सकते हैं मारे गये सैनिक के परिवारो को थोड़ी सकून तो मिलेगी। बात करिए सविता भी आप कुछ कहना चाह रही है नमस्ते कैसे है संतोष जी ओ हो लगता है विस्तर में ही है सुना है पटना में 1 डिग्री तापमान हो गया है बड़ी मुश्किल हो गयी है चलिए सम्भल कर रहिएगा --पता है जहां से दो भारतीय सेना का सिर काटकर पाकिस्तानी ले गया है वहां पिछले एक माह से क्या तापमान है शून्य से सात से आठ डिग्री कम उसमें वह दोनो लड़का डियूटी कर रहा था--- चलिए आपको मैं क्यो सूना रही हूं देखिए राजीव जी ने जो कहा है कोशिश करिएगा पूरानी भिउजुल ही सही कुछ तो चला दिजिए--- यह सवाल सेना में काम करने वाले हर एक फौजी के परिवार के जुवान पर है और चीख चीख कर यह सवाल आप सबो से कर रहा है वो मां कर रही है जिसने अपना जवान बेटा मारा गया है ,उसकी विधवा पत्नी दहार दहार कर सवाल कर रही है बड़े प्यार से वो घर बनवाये थे और अब इस घर में रहेगा कौन ---इस फोन की पीड़ा से अभी उभरा भी नही था कि दोपहर बाद नकस्ली संगठन के प्रवक्ता बिक्रम जी,श्याम जी अनुप जी का फोन आया कहा लाल सलाम कामरेड कैसे है नव वर्ष मगलमंय हो-- लाल सलाम क्या हाल कैसे फोन किया ।इसी तरह से बहुत दिन हो गये थे नही मुझे तो लगा कि आप शायद लातेहार वाली घटना कि निंदा के लिए फोन किया है क्यो इसमें निंदा की क्या बात है हमलोगो ने तो 12 से अधिक जवान को मार गिराया है वो तो ठिक है आपने बहादूरी का परिचय दिया। लेकिन उसके पेट चीर कर बम लगाया ये आपका का कौन सा चेहरा है कभी मत फोन करिएगा, देखिए पुलिस मेरे साथी को गिरफ्तार कर लिया है फर्जी इनकाउटर कर देगा ---आप मैं और अपराधी में कोई फर्क नही रहा गया है आपने एक बड़े वर्ग की सहानुभूति खो दिया है ।अब कभी अपने जुवान से लाल सलाम मत निकालिएगा आपने सारी मर्यादाओ को तोड़ा है इसका परिणाम भुगतने को तैयार रहिएगा ।
सरकार जो चाह रही है उसका मकसद पूरा हो रहा है उन्हे आपको सिर्फ हम लोगो जैसे सिमपेथाईजर के नजरो में गिराना चाह रही थी  और उसमें वो कामयाब हो रहा है। दो दिन में आपके सारे आर्मस फोर्स को चिठ्ठी की तरह मसल देगा क्या हैसियत है आपकी कृप्या आप कभी भी मुझे फोन मत करिएगा आपमें और तालिबानियो में कोई फर्क नही रह गया है। जिसके साथ आपने यह व्यवहार किया वो भी भारतीय है किसी पूंजी पति या किसी सांवत का बेटा नही है वो किसी किसान और मजदूर का बेटा है जिसमें अभी देश के प्रति सम्मान बचा हुआ है किसको मार कर गर्व कर रहे हो बंद करिए थोथी दलिल इस अपराध का कोई माफी नही है परिणाम भुकतने के लिए तैयार रहिए लाल सलाम--

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