मंगलवार, जनवरी 08, 2013

दिल्ली गैंग रेप के आर में मीडिया आम लोगो के साथ गैंग रेप कर रही है

शुक्रवार की रात मेरे एक मित्र का फोन आया घर पहुंच गये हैं-- जी न्यूज देखिए गैंग रेप मामले में पीड़िता का दोस्त पूरी घटना क्रम को वया कर रहा है । जैसे ही टीवी खोला जी न्यूज के संवाददाता देश के बड़े शहरो से आंन लाईन थे लोगो की प्रतिक्रिया देख लग रहा था क्या कह दिया थोड़ी देर बाद फिर चैनल पर ब्रेकिंग आने लगा कि रात दस बजे देश की सबसे बड़ी गवाही देखिए--लेकिन थोड़ी देर में मन विचलित होने लगा और मैंने चैनल बदल दिया लेकिन कुछ देर बाद फिर से जी न्यूज पर आना पड़ा उसके बाद जो कुछ दिखाया गया आप सबो ने भी देखा और प्रतिक्रियाये भी देखी और अभी तक प्रतिक्रिया जारी है। इस बीच उसी मित्र का एक मैंसेज आया पूरी खबरे को लेकर कुछ सवाल उन्होने मुझसे पुछा मैने सोचा उनके सवालो को क्यो नही पब्लिक डोमेन रख दे देखे लोगो की प्रतिक्रिया है ----लेकिन उनके सवाल को मैंने पोस्ट क्या किया पोस्ट पर और फोन कर लोगो ने जमकर ऐसी की तैसी सुनाने लगे चार दिन तक चुप रहा लेकिन अब लगता है इस पाखंड का जबाव देने होगा---मेरा सवाल देश के सबसे बड़े गवाही के हीरो और उस हीरो को महिमा मंडित करने वाले पत्रकारो से भी है क्यो कि जो सवाल मैं रखने जा रहा हूं इस तरह के सवाल से मुझे दो चार होना पड़ा रहा है।
1 जिस समय जी चैनल पर यह सब चल रहा था उस वक्त मुझे लग रहा था कि कोई मेरी भवनाओ और विश्वास के साथ गैंग रेप कर रहा है--1992 से 2002 तक मैं भी दिल्ली और दिल्ली वालो के साथ खेला हूं ,जिया हूं समझा हूं और बहुत कुछ दिल्ली में खो कर भी आया हूं जिसकी याद आज भी सताती है ।मेरा सवाल दुनिया के उस सबसे बड़े गवाह से है जिन्होने कहा कि घटना स्थल पर तीन पीसीआर भेन पहुंचा और आंधे घंटे तक थाना क्षेत्र को लेकर बहस करते रहे बाबू दिल्ली गोरखपुर नही है दिल्ली में पीसीआर भेन किसी थाने की नही होती है कई बार मेरे व्यक्तिगत अनुभव रहे है 100 नम्बर पर फोन करिए घायल है तो अस्पताल पहुंचायेगा और मामले मुकदमें का है तो सम्बन्धित थाना पहुंचायेगा ।आज भी यही व्यवस्था है और उसके लिए कल मैंने अपने दिल्ली के बैंचमेंट को अजमाने को कहा और वही हुआ जो पहले हुआ करता था। पीसीआर आयी और मामले को समझने के बाद चल गया उसका अवास वसंत कूंज में है और मदद के लिए जो पीसीआर भेन पहुंचा वह उस इलाके के थाने क्षेत्र का नही था।कल मेरे उस मित्र का भी भ्रम टूट गया जो देश की सबसे बड़ी गवाही सुनकर गुस्से में था।
2दूसरा सवाल देश के सबसे बड़े गवाह से है घटना शायद 16 दिसम्बर की रात 9 बजे के करीब की है ,मेरे जांवाज गवाह की ही माने तो उसनें आंधे घंटे तक छह दरिंदो से अपनी दामिनी को बचाता रहा और उस पर लात घूंसे और रोड से वार होता रहा लेकिन घटना के बीस दिन बाद 4जनवरी को जब वो टीवी पर आया तो मुझे उसके पैर को छोड़कर कही भी इनज्यूरी नही दिखी आप सबो से ही जानना चाहता हूं अगर कोई आपको पीटता है या फिर आप पीटते है तो क्या होता है।
दोनो स्थिति में सबसे पहले हाथ उठता है पता नही इस बाबू का पैर कैसे पहले उठ गया---और हाथ तब तक लड़ता रहता है जब तक कि वो पूरी तरह से हार नही जाता है मतलब यह है कि या तो वो हाथ तोड़ दे या फिर हाथ को बांध दे तभी आप मुझे पर आराम से वार कर सकते हो आप ही बताये बाबू का तो दोनो हाथ सुरक्षित दिख रहा था एक हाथ में ब्रासलेट और दूसरे हाथ के अंगूली में अंगूठी साफ दिख रहा था कही चोट के निशान तो नही दिख रहे थे।सिर पर भी कही कोई चोट नही दिख रहा था बाल इतने चमकिले और खुबसूरत दिख रहा था मानो शादी के मंडप पर जाने की तैयारी में हो ।रही बात जी न्यूज के कैमरेमैंन का पूरी वार्ता के दौरान कैमरा उसके आंखो के आस पास घुमता रहा लेकिन उसके आंखो से कभी आंसू निकलते नही देखा बेहद बहादूर है----
3तीसरी सवाल सुधीर चौधरी जी से है मैंने इन्हे कई वर्षो से चैनल पर देख रहा हूं इनके सवाल पुंछने का यही अदा रही है क्या-- ऐसा लग रहा था अपने वीर बालक से ज्यादा दुखी यही थे आपने तो दिल्ली के साथ कई सपने संजोयो होगे दिल्ली आपकी है और आपके दिल्ली को एक वीर बालक ऐसी की तैसी किये जा रहा था और आप क्रोस सवाल नही कर रहे थे-- इनकी छोड़िए ये तो दिल्ली पुलिस के फेरे में खुद फंसे हुए है लेकिन उन पत्रकारो पर मुझे तरस आती है उनके जेहन में यह सवाल क्यो नही आया जो बड़े बड़े की बोलती बंद कर देते है वो क्यो इस वीर बालक को महिमा मंडित करने में लगे हैं।
4चौथा सवाल थोड़ा कानूनी है हमारे वीर बालक टीवी पर आने से पहले 161के तहत पुलिस के सामने पूरे मामले पर बयान दिये हैं-- उसके बाद 164 के तहत कोर्ट में पूरे मामले पर बयान दिये हैं और तीसरा बयान टीवी पर दिया है---पुलिस और कोर्ट के सामने जो बयान इसने दिया है उससे इतर कई बयान ये चैनल पर दिये है।यह सवाल मैं इस लिए कर रहा हूं कि पूरे घटना क्रम का एक मात्र चश्मदीद गवाह मेरा वीर बालक ही है लेकिन जिस तरीके से वीर बालक अलग अलग बयान दे रहे है उसका फायदा किसको मिलेगा कभी सोचा है आपने इसका फायदा उन छह दरिंदो को मिलेगा जिसके फांसी की आप मांग कर रहे है तो फिर आप बताये देश की यह सबसे बड़ी गवाही किसके लिए प्रायोजित कि गयी थी --यह सवाल कल आपको राम जेठ मलानी जैसे वकीलो से सूनना पड़ सकता है और कोर्ट में आपके वकील को सफाई देते देते हाल बूरे हो जायेगे---मित्र दामिनी के साथ हुए गैंगरेप से बड़ा गैगरेप है भावनाओ और विश्वास के साथ खेलना है-- इसकी क्या सजा हो मीडिया वाले जरा कैंडिल मार्च निकलवा कर सर्वे करा ले क्यो कि यह भी रेप बेहद जानलेवा होता है--

1 टिप्पणी:

वेद रत्न शुक्ल ने कहा…

420 बाप का 420 बेटा।