शुक्रवार, अगस्त 28, 2009

नमस्कार बिहार पुलिस का भरुआ(लड़की सप्लायर)थानेदार बोल रहा हूँ

नीतीश जी का यह बयान की जो बिहार आज करता हैं देश उसका अनुकरण कर रहा हैं।भ्रष्टाचार और पंचायत में महिला को आरक्षंण देने के मामले में ऐसा हुआ भी हैं।इसके अलावे कई और मामले हैं जिसमें देश के शासक बिहार का अनुकरण कर रहे हैं।ये कोई नयी बात नही हैं यह हजारों वर्ष से होता आ रहा हैं लेकिन पिछले कई वर्षों से ऐसी कोई बात सामने नही आया थी।बेहद सकून देने वाली और वाकय गर्व की बात हैं।आफिस से लौटने के बाद नीतीश कुमार का बयान बार बार सोचने पर मजबूर कर रहा था।विस्तर पर आते आते ब्लांग के लिए पूरी सामग्री तैयार हो गयी थी लेकिन नींद के आगे मैं विवश हो गया और सुबह लिखने का दिलासा देकर लगभग सो ही गया था।लेकिन तभी मोबाईल की घंटी मोहे रंग दे बसंती चोला का मधुर आवाज गुजने लगा रात के लगभग 12 बजने को था और मोबाईल पर ऐसे पुलिस पदाधिकारी का नम्बर दिख रहा था जो आम पुलिस से थोड़ा अलग सोचते हैं और वर्दी का सम्मान करना जानते हैं।नही चाहते हुए भी मोबाईल आंन किया उस और से आवाज आती हैं कि मैं बिहार पुलिस का भरुआ थानेदार बोल रहा हूं।आवाज से ही लग गया कि जनाव शराब के दौड़ में शामिल हें,मैं भी बड़े अनमने ढंग से बात की शुरुआत की लेकिन बात जैसे जैसे बढ रही थी मेरी नींद मेरा साथ छोड़ता चला जा रहा था।और एक समय ऐसा आया कि मैं विस्तर से उठ खड़ा हुआ।शराब पीने वाले और नही पीने वाले भी यह बात जरुर मानते हैं कि शराब के नशे में लोग झूठ नही बोलता हैं।लेकिन जो कुछ भी पुलिस अधिकारी कह रहे थे वह पहले कभी न सूना था और ना ही कभी ऐसा वाकया देखने को मिला था।मेरा क्रायम बीट रहा हैं और पुलिस वाले से मेरी बनती भी खुब हैं,कभी कभी यह सूनने को मिलता था कि फलाना आई0जी0कोठे पर जाते हैं या फिर कांल गर्ल उनके सरकारी बंगले पर मंगाया जाता हैं लेकिन कभी यह नही सुना था कि जिले के एस0पी0थानेदार को लड़की व्यवस्था करने का आदेश दे।लेकिन यह सच हैं थानेदार जितने भावूक होकर यह बाते बता रहे थे कि संतोष जी साला पैसा कमाते थे तो पैंसा देते थे।पहले वाला एस0पी0जिले से कम से कम चार से पाच करोड़ रुपया कमाकर गया हैं।थानेदार की पोस्टींग में पैसा लेता ही था और माहवारी अलग से लेता था इसके आलावा केस का हाल तो मत ही पुछे साला तीन दिन पर अपना सुपरभीजन खुद बदल देता था।कहते हैं गिरजानंदन शर्मा के कापरेटिव में करोड़ो का जमीन खरीदा हैं और बेटी पूना में पढती हैं तो उसके लिए पूना में एक फैल्ट खरीदा हैं।नीतीश जी बड़ी प्रधानमंत्री को नसीहत दे रहे हैं यह दिखायी नही दे रहा हैं।छोड़िये संतोष जी कोई माफ कर दे लेकिन भगवान साले को माफ नही करेगा।जितना गरीब को लूटा हैं और हत्या जैसे मामले में हत्यारे को मदद किया हैं कोई न कोई अवश्य देख रहा हैं।साले का तबादला हुआ तो बड़ी खुशी हुई की इस पापी से मुक्ति मिला लेकिन यह साला एस0पी0धर्म लेने पर लगा हैं।कहता हैं अच्ची और कमसीन लड़की आवास पर पहुचाओं संतोष जी नौकरी छोड़ देने का मन करता हैं.कहते कहते थानेदार साहब भावूक हो गये।उनके साथ महफील में बैठे और थानेदार भी बारी बारी से अपनी व्यथा कमोंवेस इसी अंदाज में सुनाते रहे घड़ी पर नजर पड़ी तो रात के दो बज रहे थे।साहब लोग तो अपना गम शराब पीकर मिटा लिये लेकिन मैं सारी रात इसी तरह करवट बदलते सोचता रहा।सुबह थोड़ा विलम्भ से कार्यलय पहुचां रिपोटर्स मीटिंग खत्म होने के बाद एक बार सोचा की थानेदार साहब से अभी बात करे साहब को रात वाली बात याद भी हैं की नही लेकिन जैसे ही फोन किया जनाव पूरे होशो हवाश में रात वाली बात पर कायम थे।मैंने कहा इस विषय को ब्लांग पर रखते हैं कहा कोई हर्ज नही हैं कोई तो जाने की आज पुलिस किस दौड़ से गुजर रहा हैं।मेरे पास ही बैठे महिला पत्रकार ये सारी बाते सून रही थी।चहक उठी ब्लांग पर लिख कर क्या करोगो इस एस0पी0 का स्टींग आप्रेशन करना चाहिए।मैं जवाव देने की स्थिति में नही था मैं सिर्फ यही दोहरा पाया की मन की बात कलम पर आ जाती हैं तो बड़ी सकून मिलता हैं

3 टिप्‍पणियां:

सुरेन्द्र Verma ने कहा…

BHAI santosh Ji, Aapne to POLICIA Mizazkolikha hai KIntu Rabari Devi to Chilla-Chilla kar kahi. Ye Kambakht Kamsin Hoti hi hai. Har POWER ke pichhe Kamsin aur Kamsin ka HAANTHI jaroor hota hai.

अनूप शुक्ल ने कहा…

आज जो एस पी हैं वे देश के सबसे जहीन छात्रों में रहे होंगे।

सागर ने कहा…

मन की बात कलम पर आ जाती है तो बड़ा सुकून मिलता है... सच्ची बात है जी, लेकिन मेरे विचार से आपकी महिला पत्रकार सही कह रही थी... वो तरीका ज्यादा असरदार होता... और आप लिख कर जगाने से बेहतर वो कर्म कर राज्य का भला कर पते... आक्रोश ज्यादा मुखर होता... है ना?