गुरुवार, सितंबर 24, 2009

नीतीश जी यह कैसा सुशासन हैं।

दुहाई हो नीतीश जी आपके सुशासन में यह क्या हो रहा हैं,पुलिस सरेआम आमलोगो की पिटाई करता हैं और आपकी सरकार उस अधिकारी को बचाने में लगा हैं।मामला बेगूसराय में एक निरीह साईकिल सवार का हैं जिसे पुलिस ने सरेआम पिटाई की हैं।शुक्र हैं ब्लांग पर खबड़ आने के बाद दिल्ली के एक बड़े पत्रकार द्वारा पुलिस मुख्यालय से पुछताछ करने के बाद दामन बचाने के लिए आनन फानन में कारवाई की गयी। बेगूसराय के नगर थानेदार विश्वरंजन को लाईन हाजिर कर दिया गया हैं।सरेआम एक निर्दोष को आमानवीय तरीके से पीट रहा हैं उससे भी मन नही भरता हैं तो पुलिस अपने बूट से सिर को तब तक कुचलता हैं जब तक वह लहुलहान नही हो जाये ऐसे मामले में महज थानेदार को लाईन हाजिर करना कहा का इंसाफ हैं।क्या नीतीश के शासन में न्याय की यही परिभाषा हैं। पूरे मामले का यह एक पंक्ष हैं दूसरा पंक्ष तो और भी घिनौंना हैं शायद आज जेनरल डायर भी रहता तो इस कृत्य को देख कर नौकरी छोड़ देता।जब पुलिस मुख्यालय ने मामले को लेकर बेगूसराय एसपी0 से पुछताछ करनी शुरु की और तय हो गया कि कारवाई होगी। तो आनन फानन में उस साईकिल वाले की खोज शुरु हुई पता चला वह व्यक्ति लक्ष्मण साह बस स्टेंट में रिक्शा चला रहा हैं। इतनी पिटाई के बावजूद दो वक्त की रोटी के लिए लक्ष्मण सुबह से ही रिक्शा चला रहा था।सूचना मिलते ही नगर थाने की पूरी फोर्स बस स्टेट को घेर लिया चारो और पुलिस को देख कर लक्ष्मण बस के नीचे छुप गया इस डर से की आज पुलिस किसकी पिटाई करने आया हैं।काफी खोजबीन के बाद भी लक्ष्मण जब नही मिला तो पुलिस वाले उसके रिक्शे को तोड़ने लगा यह देख लक्ष्मण को रहा नही गया और बस के नीचे से बाहर निकल कर चिल्लाने लगा। देखते देखते पुलिस उसे उठाकर गाड़ी में बैंठा लिया और सीधे नगर थाना पहुचा ।जहां पहले से एफआईआर का मजबून तैयार था बस नाम और पता भरना बाकी था।पहुचते ही सारी प्रक्रिया आनन फानन में पूरी की गयी और लक्ष्मण को पुलिस पर जानलेवा हमला करने के आरोप में जेल भेज दिया गया।घायल में वे सभी पुलिस वाले का नाम दर्ज हैं जो बूट से लक्ष्मण की बेहरमी से पिटाई किया था।यह सारा खेल जिला मुख्यालय में खेला गया जहां डीएम0,एसपी0और जिला जज बैठते हैं।लक्ष्मन की लड़ाई में आपका सहयोग अपेक्षित हैं ।

1 टिप्पणी:

सागर ने कहा…

हैरत है अभी तक कोई प्रतिक्रिया मौजूद नहीं है... यह ना सिर्फ अमानवीय कुकृत्य है बल्कि घिनौना पाप भी है... पुलिस वाले लाइसेंसी गुंडे हो गए हैं... उनके पास हर चीज़ का बहाना, तोड़ मौजूद है... मैं भी बड़े पत्रकारों से अनुरोध करूँगा इसे पर्याप्त कवरेज दें और न्याय दिलवाएं...

आप जिस मिशन को लेकर चल रहें है सोचता हूँ इतना प्रखर होने के लिए इतनी शक्ति कहाँ से लाते हैं... अतीत में जरूर कोई भयंकर दर्द रहा होगा जिसकी खुन्नस कायम है वोही आपको आगे बढा रही है... इश्वर आपकी मदद करे...आमीन